ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे (Odisha Train Accident) को हुए 12 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है. हादसे में अबतक 288 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच रेलवे की तरफ से कुछ जवाबों की तलाश की जा रही है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हादसे की वजह सिग्नल व्यवस्था में आई दिक्कत हो सकती है.
ओडिशा रेल हादसे के पीछे सिग्नल की इतनी बड़ी गलती निकली, अधिकारियों को क्या पता चला?
कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन से गुजरने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था, लेकिन...

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े अविषेक जी दस्तीदार की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे की एक संयुक्त निरीक्षण टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को तय मेन लाइन से गुजरने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था, और फिर इसे बंद कर दिया गया। लेकिन ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. इस बीच, डाउन लाइन पर यशवंतपुर से सुपरफास्ट एक्सप्रेस आ गई और इसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए.
कमिश्नर करेंगे जांचरिपोर्ट के अनुसार, रेलवे सुरक्षा के कमिश्नर हादसे से जुड़े एक-एक पहलू की जांच करेंगे. इधर अधिकारी सिग्नल व्यवस्था और लोको पायलट से जुड़ी बारीकियों की जांच कर रहे हैं. हादसे की वजह पर अभी तक रेलवे की तरह से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
इससे पहले रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि बचाव का काम पूरा हो गया है और मरम्मत का काम चल रहा है. इधर रेल मंत्री हादसे की जगह पर पहुंच चुके हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है. जानकारी आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं.
इससे पहले दो जून की शाम को खबर आई थी कि ओडिशा के बालासोर में एक भीषण रेल हादसा हुआ है. शुरुआत में जानकारी आई थी कि बहानगा बाजार स्टेशन के पास दो ट्रेन टकराई हैं. बाद में पता चला कि हादसे में तीन ट्रेन शामिल हैं. पता चला कि पहले चेन्नई की तरफ जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई और उसके कुछ डिब्बे तीसरे ट्रैक पर पहुंच गए. इस बीच तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस ट्रैक पर मौजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गई. हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस विपरीत दिशा से आ रही थी.