बेंगलुरु की एक अदालत ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. उन पर POCSO अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है. पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ के लिए हाजिर ना होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट जारी कर दिया है. येदियुरप्पा ने अब उच्च न्यायालय से राहत मांगी है, जिसकी सुनवाई कल, 14 जून को होगी.
गिरफ्तार होंगे येदियुरप्पा? नाबालिग से यौन उत्पीड़न केस में गैर-जमानती वॉरेंट जारी
पुलिस ने BS Yediyurappa को पूछताछ के लिए बुलाया था. हाजिर ना होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरेन्ट जारी कर दिया है.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले कर्नाटक पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) ने नोटिस जारी कर येदियुरप्पा को 12 जून तक पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. येदियुरप्पा ने जवाब में कहा कि उन्हें राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के लिए दिल्ली जाना है और वह 17 जून को पेश हो सकते हैं.
येदियुरप्पा पर एक महिला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने फरवरी में अपने आवास पर एक मीटिंग के दौरान 17 साल की उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद पूर्व सीएम पर यौन उत्पीड़न से संबंधित POCSO अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. 14 मार्च को पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच CID को सौंप दी गई. 54 वर्षीय शिकायतकर्ता की पिछले महीने फेफड़ों के कैंसर से मौत हो गई. हालांकि, येदियुरप्पा ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
इससे पहले आज, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो येदियुरप्पा को गिरफ्तार किया जा सकता है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबित परमेश्वर ने कहा कि
अगर ज़रूरत पड़ी तो वे (CID) गिरफ़्तारी करेंगे. मैं नहीं कह सकता कि यह ज़रूरी है या नहीं, CID बताएगा. अगर उन्हें लगेगा कि यह ज़रूरी है तो वे ऐसा करेंगे.
इससे पहले अप्रैल में CID ने जांच के लिए येदियुरप्पा की आवाज का नमूना लिया था. FIR के खिलाफ भी येदियुरप्पा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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