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नितिन नबीन बने BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, नड्डा की जगह पूरी पार्टी की जिम्मेदारी मिली

Nitin Nabin अब जेपी नड्डा के बाद BJP की जिम्मेदारी संभालेंगे.

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बीजेपी के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन. (इंडिया टुडे)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लंबे इंतजार के बाद रविवार, 14 दिसंबर को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान कर दिया. नितिन नबीन बीजेपी के नए कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं. वह जेपी नड्डा की जगह लेंगे. हालांकि, नितिन नबीन को भी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. यानी भाजपा को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलने में अभी और देरी हो सकती है.

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जनवरी 2020 में जगत प्रकाश नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. तीन साल बाद 2023 में उनका कार्यकाल खत्म हो गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण उन्हें एक्सटेंशन दिया गया. बताया गया कि लोकसभा चुनाव के बाद ही भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. 

हालांकि, इसके बाद भी दो साल गुजर गए लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ. कहा गया कि कई प्रदेशों में संगठन के जरूरी चुनाव नहीं हुए हैं. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं कराया जा रहा है. जेपी नड्डा को ही लगातार एक्सटेंशन दिया जा रहा है. भाजपा के गठन के बाद ऐसा पहली बार है जब दो साल से ज्यादा किसी अध्यक्ष को एक्सटेंशन मिला है. अब जाकर पार्टी को नया कार्यकारी अध्यक्ष मिला. 

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ये फैसला ऐसे दिन आया है, जब उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया गया है. यहां महाराजगंज लोकसभा सीट से 7 बार के सांसद पंकज चौधरी को ये जिम्मेदारी मिली है. कुर्मी समुदाय से आने वाले चौधरी को लेकर भाजपा उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण भी साध रही है.  

नितिन नबीन को कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का ऐलान कर बीजेपी ने सबको चौंकाया है. नबीन बिहार सरकार में मंत्री हैं. पूर्व विधायक नबीन किशोर सिन्हा के लड़के हैं और 4 बार से बिहार के बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इससे पहले ये सीट पटना वेस्ट के नाम से जानी जाती थी, जहां से 2006 में नितिन पहली बार विधायक बने थे. वो कायस्थ समुदाय से आते हैं और छत्तीसगढ़ में भाजपा के सह प्रभारी की भी जिम्मेदारी संभाली है.

भाजपा के संविधान के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है. इस हिसाब से 2023 में ही जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो गया था. तबसे भाजपा के पास डेडिकेटेड अध्यक्ष नहीं है.

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कैसे होता है बीजेपी में चुनाव 

भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं. निर्वाचक मंडल में से कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए किसी के नाम का प्रस्ताव संयुक्त रूप से दे सकते हैं. यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम 5 प्रदेश परिषदों की ओर से आना भी जरूरी है. कोई भी व्यक्ति जो 15 सालों से भाजपा का सदस्य हो, वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद का चुनाव लड़ सकता है. 

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