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टोल प्लाजा मैनेजर MLA से भिड़ गया, कहा- आप फ्री में सफर कर रहे हैं, पैसा दें

विधायक का कहना है कि उन्होंने अपना पास टोल स्टाफ को दिखा दिया था.

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टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने कथित तौर पर विधायक से पास दिखाने को कहा. (फोटो/वायरल वीडियो से स्क्रीनशॉट)

अगर आपको लगता है कि टोल प्लाज़ा पर बस आपको ही जूझना पड़ता है, तो आप गलत हैं. टोल प्लाज़ा स्टाफ के रूखे बर्ताव की भेंट आज कल विधायक भी चढ़ रहे हैं. कर्नाटक के मालवल्ली से कांग्रेस विधायक पी एम नरेंद्रस्वामी और टोल प्लाजा के कर्मचारियों के बीच बहस हो गई. टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने कथित तौर पर विधायक से पास दिखाने को कहा. लेकिन पास दिखाने के बाद भी उन्होंने विधायक को जाने नहीं दिया. कर्मचारियों ने कहा- आप लोग फ्री में सफर कर रहे हैं.

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इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना 4 जून को हुई लेकिन इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. विधायक पी एम नरेंद्रस्वामी 4 जून को बेंगलुरु से मालवल्ली जा रहे थे. उसी समय विधायक को टोल मैनेजर ने कुंभलगोडु टोल प्लाजा पर रोका. टोल मैनेजर ने विधायक पर चिल्लाते हुए पास दिखाने के लिए बोला और कहा,

‘आप लोग फ्री में सफर कर रहे हैं. टोल का पैसा दीजिए.’  

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टोल मैनेजर ने विधायक पर चिल्लाते हुए पास दिखाने के लिए बोला.

टोल मैनेजर को विधायक के ड्राइवर ने पहले पास दिखाया लेकिन उन्होंने कथित तौर पर उसको स्वीकार नहीं किया. बाद में विधायक गाड़ी से उतर कर आए और उन्होंने कहा, 

‘पुलिस को आने दो, फिर बात करते हैं.’

बाद में दोनों पक्षों के बीच ज़मकर बहस हुई. विधायक ने गुस्से में आकर टोल मैनेजर को कहा, 

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‘तुम्हें पता है, तुम किससे बात कर रहे हो.’ 

 बाद में विधायक गाड़ी से उतर कर आए थे. 

इसका जवाब देते हुए टोल के सभी कर्मचारियों ने विधायक से गाड़ी में बैठ जाने को कहा.

किसे टोल का पैसा नहीं देना होता

भारत में कई गाड़ियां ऐसी होती हैं जिन्हें टोल नहीं देना पड़ता. इनमें भारत के राष्ट्रपति, भारत के उपराष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, किसी भी राज्य के राज्यपाल, भारत के चीफ जस्टिस, लोक सभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट जज, संघ के राज्य मंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर, जनरल या समकक्ष रैंक वाले चीफ ऑफ स्टाफ, किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति, किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष, हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, हाई कोर्ट जज, सांसद, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, आदि की गाड़ियां शामिल हैं. विधायकों को भी टोल नहीं देना होता, बशर्ते वो अपना परिचय पत्र दिखाएं.

इसके अलावा आपात सेवाओं की गाड़ियों को भी टोल पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती. मसलन एंबुलेंस, फायर डिपार्टमेंट और पुलिस. सेना और अर्धसैनिक बलों के वाहनों को भी छूट मिलती है. 

प्रथम दृष्टया तो यही लगता है कि विधायक को टोल पर गलत तरीके से रोका गया. 

वीडियो: मिर्जापुर में विधायक की ऐसी दबंगई, बिना टोल दिए पार करा दीं 120 गाड़ियां

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