हमने पांच हजार रुपए भर्ती के समय दिए लेकिन कुछ दिनों तक इलाज चला तो हमारे पास इतने पैसे नहीं थे.
बुजुर्ग की आंत में दिक्कत थी. उन्हें ऐंठन थी और घबराहट हो रही थी. इस उम्र में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो जाता है. मरीज बहक जाते हैं. वो गिर जाते हैं. चोट लग जाती है. ऐसी स्थिति में दो ऑप्शन होते हैं. या तो उन्हें बेहोश किया जाता लेकिन इस उम्र में ऐसा करने पर सांस की नली रुक सकती है. वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ती है. दूसरा ये कि मरीज को बांधा जाता है ताकि वो ख़ुद को चोट ना पहुंचा लें. ये कॉमन प्रैक्टिस है.प्रशासन ने कहा- जांच जारी मेडिकल बिल जमा ना करने के आरोप पर डॉक्टर कहते हैं कि बुजुर्ग की बेटी की तरफ से बिल जमा ना करने पर हंगामा किया गया. हमने बग़ैर कोई चार्ज लिए उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी. पैसों की वजह से उन्हें नहीं बांधा गया था. वो सुबह से ही बंधे हुए थे. एएनआई के मुताबिक, शाजापुर के डीएम ने कहा कि हमने अस्पताल में एक टीम भेजी थी. पुलिस जांच कर रही है. रिपोर्ट का इंतज़ार है. उसके हिसाब से कार्रवाई होगी. मामले को लेकर यूथ कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार को घेरा भी है.
मध्य प्रदेश: पति ने शराब के लिए पैसे मांगे, तो पत्नी ने अपनी मां के साथ मिलकर मार डाला!