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देश के कोने-कोने में wi-fi पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने क्या बड़ा ऐलान किया है?

आ रहा है PM-WANI

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PM WANI नाम की योजना के जरिए देश के गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने का प्लान तैयार किया गया है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए हैं. सरकार के सीनियर मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर और संतोष गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इनकी जानकारी दी. इनमें दो बड़े फैसले हैं, एक डिजिटल इंडिया से और दूसरा आत्मनिर्भर भारत योजना से जुड़ा है. सरकार ने वाई-फाई को देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए पीएम योजना को मंजूरी दे दी है. अगले साल 5जी लॉन्च करने की तैयारियों के बीच सरकार का ये ऐलान महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्या हैं कैबिनेट के बड़े फैसले? # वाई-फाई सर्विस को देश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंचाने के लिए एक करोड़ डाटा सेंटर खोले जाएंगे. इसे PM-WANI (PM- Wi-fi Access Network Interface) नाम दिया गया है. सरकार ने कहा है कि इसके लिए किसी भी तरह के लाइसेंस का सिस्टम नहीं रखा जाएगा. कोई भी छोटा दुकानदार अपनी दुकान पर छोटा वाई-फाई स्पॉट लगा सकेगा. ये पब्लिक डेटा ऑफिस कहलाएगा. इसे पुराने पीसीओ की तरह समझिए. पीसीओ पर हम फोन करने जाते थे, ऐसे ही पब्लिक डेटा ऑफिस पर इंटरनेट सर्फिंग के लिए जा सकेंगे. कोई भी दुकानदार साधारण रजिस्ट्रेशन कराकर इसे ले सकता है. इसकी कोई फीस नहीं होगी.रजिस्ट्रेशन की समयसीमा सरकार ने 7 दिन की रखी है. मतलब एप्लिकेशन देने के 7 दिन के भीतर एप्लिकेंट की दुकान पर वाई-फाई हॉट स्पॉट लग जाएगा. # देश के कई इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिवटी काफी धीमी है, क्योंकि वहां ऑप्टिकल फाइबर की कनेक्टिविटी नहीं है. ऐसा ही इलाका है लक्षद्वीप. सरकार ने यहां के 11 द्वीपों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की योजना को हरी झंडी दी है. कोच्चि से लक्षद्वीप के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी दी जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि इससे लक्षद्वीप में टूरिज्म तेजी से बढ़ेगा. अब तक इन जगहों पर 2जी की स्पीड से इंटरनेट कनेक्टिवटी मिलती है. इसके 1072 करोड़ रु. की राशि स्वीकृत की गई है. इस काम को 1000 दिन में पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है. # सरकार ने आत्मनिर्भर रोजगार योजना के तहत 1584 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य इस साल के लिए रखा है. 2020 से 2023 तक की पूरी स्कीम के लिए सरकार ने 22,810 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. सरकार का मानना है कि इससे 58.5 नौकरीपेशा लोगों को फायदा होगा. कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तो सिर्फ 6 करोड़ लोग ही संगठित क्षेत्रों में रोजगार पा रहे थे. अब इनकी संख्या बढ़कर 10 करोड़ हो गई है.

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