महाशयां दी हट्टी यानी MDH. इंडिया में मसालों का बड़ा और पॉपुलर ब्रैंड है. इसके चेयरमैन और MDH मसालों के विज्ञापन का लोकप्रिय चेहरा रहे महाशय धर्मपाल गुलाटी अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के माता चानन देवी अस्पताल में आखिरी सांस ली. वो 98 बरस के थे. बीमारी के चलते कई दिनों से अस्पताल में एडमिट थे. उनके जाने की खबर सामने आने के बाद से लोग उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा,
MDH वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी नहीं रहे
98 की उम्र में ली आखिरी सांस.

"भारत के सबसे प्रेरक एंटरप्रेन्योर, MDH के मालिक धर्मपाल महाशय का आज सुबह निधन हो गया. मैं ऐसे प्रेरक और जीवंत व्यक्ति से कभी नहीं मिला. उनकी आत्मा को शांति मिले."
आज से करीब दो साल पहले, सितंबर-अक्टूबर 2018 के दौरान, ये फेक खबर चली थी कि उनका निधन हो गया है. हालांकि जब परिवार और कंपनी को इस बारे में पता चला तो कंपनी ने इसे खारिज किया था. कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट राजेद्र कुमार ने धर्मपाल गुलाटी के साथ एक वीडियो शूट करके शेयर किया था, जिसमें वो सही सलामत बैठे और हंसते दिख रहे थे.
कैसे बने मसालों के बादशाह?सालों से धर्मपाल इसके विज्ञापन में आ रहे थे. 1922 में पाकिस्तान के सियालकोट में पैदा हुए धर्मपाल के पिता ने वहीं एक छोटी सी दुकान से इस शुरुआत की थी. फिर देश के बंटवारे के बाद परिवार दिल्ली आ गया.
इनके बारे में किस्सा ये भी काफी सुनने में आता है कि धर्मपाल ने दिल्ली आने के बाद एक तांगा खरीदा था जिससे वो सवारी ढोते थे. मगर जब उससे काम नहीं चला तो फिर 1953 में चांदनी चौक में एक दुकान ली जिसका नाम ‘महाशयां दी हट्टी’ रखा. तब से ये MDH के नाम से जानी जाती है और ये कंपनी आज दुनियाभर में मसाले निर्यात करती है. 2017 में उन्हें इंडिया में किसी भी FMCG कंपनी का सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला CEO भी घोषित किया गया था.