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औरंगजेब पर हंगामे के बीच नागपुर में भड़की बड़ी हिंसा, कई पुलिसकर्मी घायल, भारी सुरक्षाबल तैनात

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए हिंदूवादी संगठन ने प्रदर्शन आयोजित किया था. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ (कुरान) को जलाए जाने की अफवाह फैल गई.

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महाराष्ट्र के नागपुर में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई जिसमें 4 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. (तस्वीर:इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र के नागपुर में दो गुटों के बीच झड़प और पत्थरबाजी की घटना सामने आई हैं. इस दौरान दो वाहन जलाए गए हैं और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. नागपुर के डीसीपी अर्चित चांडक ने बताया है कि घटना ‘कुछ गलत जानकारियों’ के फैलने से हो गई. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए नागपुर के महल नगर इलाके में धारा 144 लगा दी है. वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से किसी भी अफवाह पर विश्वास नहीं करने की अपील की है.

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नागपुर में हिंसा

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए हिंदूवादी संगठन ने प्रदर्शन आयोजित किया था. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ (कुरान) को जलाए जाने की अफवाह फैल गई. पुलिस के अनुसार बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया.

इसके बाद नागपुर में 17 मार्च को तनाव फैल गया. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने चिटनिस पार्क और महल इलाकों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा दोपहर बाद कथित तौर पर कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई. 

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इलाका चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाओ रोड तक का इलाका हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित बताया जा रहा है. यहां दंगाइयों ने चार पहिया वाहनों में आग लगा दी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस दौरान निवासियों के घरों पर भी पथराव किया गया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि, बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कुरान जलाने के आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था. 

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स्थिति नियंत्रण में है

नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने घटना को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा,

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“स्थिति नियंत्रण में है. एक तस्वीर जलाई गई थी जिसके बाद लोग जमा हुए और उनके निवेदन पर हमने कार्रवाई की. हमने FIR दर्ज की है. घटना करीब 8:30 बजे की है. 2 वाहन जलाए गए हैं.”

वहीं DCP नागपुर अर्चित चांडक ने कहा, 

”ये घटना कुछ मिस कम्यूनिकेशन के कारण हुई है. पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल का प्रदर्शन किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया. कुछ वाहनों में आग लगा दी गई, हमने फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग बुझाई. अब स्थिति नियंत्रण में है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वो घरों से बाहर न निकलें.”

नितिन गडकरी और फडणवीस ने जारी किए बयान

इस घटना पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सबसे शांति बनाने की अपली की है. उन्होंने कहा,

“कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हुई है. नागपुर शहर का इतिहास ऐसे मामलों में शांति बनाए रखने का रहा है. मैं अपने सभी भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखें."

नितिन गडकरी ने आगे कहा,

“मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने गलती की है या अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं. मुख्यमंत्री को पहले ही इस स्थिति के बारे में सूचित किया जा चुका है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें.”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो जारी करके घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा,

“नागपुर के महल इलाके में जिस प्रकार से स्थिति तनावपूर्ण हुई, वो बेहद निंदनीय है. कुछ लोगों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की. यह गलत है. मैं स्थिति पर नजर बनाए हूं. मैंने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है, उठाए जाएं.”

उन्होंने सभी से अपील की है कि नागपुर की शांति भंग न हो, ऐसा व्यवहार करें. अगर कोई तनाव पैदा करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें, संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) को तैनात किया गया है. 

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