महाराष्ट्र (Maharashtra) के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब (Anil Parab) का नाम एक बार फिर खबरों में है. गुरुवार 26 मई को ED ने उनके आवास समेत 7 जगहों पर छापेमारी की है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक ये कार्रवाई दापोली रिसॉर्ट (Dapoli Resort) मामले से जुड़ी है. अनिल परब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माने जाते हैं.
कौन है ठाकरे का करीबी जिसके यहां ED ने मारा छापा?
अनिल परब की गिनती शिवसेना के ताकतवर नेताओं में होती है
कौन हैं अनिल परब?
अनिल परब की गिनती शिवसेना के ताकतवर नेताओं में होती है. वो मुंबई में एक प्रमुख केबल ऑपरेटर थे. वहां केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूटर्स नेटवर्क में उनका बड़ा नाम था. अनिल परब पेशे से एक वकील हैं. उनका घर मुंबई के बांद्रा में ठाकरे के घर मातोश्री से कुछ दूरी पर ही है.
57 साल के अनिल परब ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना के छात्र विंग भारतीय विद्यार्थी सेना से की थी. इसका नेतृत्व कभी राज ठाकरे करते थे. अनिल परब और ठाकरे परिवार की नजदीकियों का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि वो बाल ठाकरे द्वारा तैयार की गई वसीयत में गवाह थे. अपनी एक रैली में बाल ठाकरे ने कहा था,
‘अगर आपके टीवी चैनल शिवसेना के खिलाफ हमला जारी रखेंगे, तो मैं अनिल से मुंबई में केबल के तारों का प्लग खींचने के लिए कह दूंगा.’
बाल ठाकरे के गुजरने के बाद शिवसेना की कमान जब उद्धव ठाकरे के पास गई तो उन्होंने भी अनिल परब को अपने करीबी सहयोगी के रूप में चुना. परब को उद्धव ने राज्य कि विधान परिषद में पार्षद बनाया. अनिल परब चुनावों में पर्दे के पीछे से पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में काम करते रहे हैं. बाद में परिवहन विभाग के साथ उन्हें संसदीय कार्य मंत्री भी बनाया गया.
क्या है दापोली रिसॉर्ट मामला?
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अनिल परब पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रत्नागिरी के दापोली तहसील में धोखाधड़ी और जालसाजी से 10 करोड़ का एक शानदार रिसॉर्ट बनवाया है. आजतक की खबर के मुताबिक ये रिसॉर्ट खेती की जमीन पर लॉकडाउन के दौरान बनाया गया. किरीट सोमैया ने अनिल परब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. अब इस मामले में ED ने कार्रवाई की है. मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाजे ने जब से परब पर 50 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं, तब से ही उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. हालांकि अनिल परब इन सब आरोपों को नकारते हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी के ऐक्शन के बाद शिवसेना ने आरोप लगाया है कि ये परब के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है. बता दें अनिल परब महाराष्ट्र सरकार के ऐसे तीसरे मंत्री हैं जिनके खिलाफ ED ने कार्रवाई की है. इससे पहले ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था. इसके चलते देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक भी कथित रूप से अंडरवर्ल्ड से संपर्क और मनी लॉन्ड्रिग के मामले में जेल में बंद हैं.
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