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दुनिया में सबसे ज्यादा व्हाट्सएप मेसेज इस नंबर पर पहुंचने वाले हैं

सांप्रदायिक तनाव से निपटने के लिए ये जुगाड़ निकाला है.

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फोटो - thelallantop
सुबह आंख मीच कर उठो और नेट ऑन करो मोबाइल में. फैमिली वाले, गांव वाले, दफ्तर वाले हर व्हाट्सऐप ग्रुप में धकापेल मैसेज आते हैं. पहले शुभ प्रभात से नॉनवेज जोक्स तक का सफर पांच मिनट में तय हो जाता है. लेकिन पटना के मधेपुरा में अब ये मैसेज कुछ बदले-बदले होंगे. काहे कि डीएम साहब हर ग्रुप में घुसपैठ करने का प्लान बना चुके हैं. बिहार के तमाम जिलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद है. वहां बवाल चल रहा है. जिसको वजनदार शब्दों में कहते हैं सांप्रदायिक तनाव. और सोशल मीडिया का यूज सबसे ज्यादा होता है अफवाहें फैलाने में. तो मधेपुरा के डीएम मोहम्मद सोहेल ने इससे निपटने का मास्टर प्लान निकाला. 18 अक्टूबर को लेटर लिखकर फरमान जारी कर दिया कि देखो, इंटरनेट तो यहां चालू हो गया है. लेकिन हर फेसबुक, व्हाट्सऐप ग्रुप में एक सरकारी अफसर के एकाउंट/नंबर की एंट्री होगी. जिनके नाम लेटर में लिखे हैं. नंबर 9955948775 ग्रुप में रखना अनिवार्य होगा. और अगर इनमें से कोई आपके ग्रुप में नहीं है तो कानूनी कार्यवाही होगी. मतलब थाना पुलिस.

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इसका मतलब समझे दया? मतलब टोटल घुसपैठ. आपके व्हाट्सऐप ग्रुप में सारे फैमिली मेंबर रात दिन हैलो मामा, जी बुआ जी, ताई का तो दिमाग खराब है, ये करते रहते हैं. इन्हीं मैसेज के बीच एक नंबर ऐड करना पड़ेगा. सबके पास नोटिफिकेशन जाएगा. आप अपने घर वालों से उनकी पहचान कराएंगे. "बच्चों अंकल को नमस्ते करो. ये हैं सुनील कुमार भगत जी. मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक." और एक अनजाना अजनबी आपका रिश्तेदार बन जाएगा. ये फरमान पहली नजर में देखो तो लोगों के साथ अत्याचार है. माने प्राइवेसी में डंडा. लेकिन ये अत्याचार आपके साथ नहीं है. उनके साथ है जिनके नंबर आपके ग्रुप में ऐड होंगे. जिनके प्रोफाइल की रिक्वेस्ट आपके फेसबुक ग्रुप में आई है. उनको जैसे ही तीन भगवा झंडों वाली या चांद तारों वाली पोस्ट एक के बाद एक दिखनी शुरू होंगी न, सारी अफसरी गायब हो जाएगी. इतने नोटिफिकेशन आएंगे कि उनको सिरदर्द की कई टिकिया एक साथ खानी पड़ेंगी. उनमें से सबको तो पता होगा नहीं कि इसमें कोई नया अफसर जुड़ा है. तो आते ही गालियों से शुरुआत करने वाले भी अपनी कलाकारी दिखाएंगे. नीतीश कुमार से नरेंद्र मोदी और अपने डीएम तक को जब कान के कीड़े झाड़ देने वाली गालियां पड़ते देखेंगे तो उनका भी मन कह जाएगा कि नौकरी-चाकरी छोड़ विपश्यना में चले जाएं.

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