पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दो हफ्ते से भी कम समय की जांच के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार होने से जुड़ी जानकारी सामने आई है. महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) वाले मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी 7 नवंबर को बैठक करने वाली है. पदाधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में TMC सांसद के खिलाफ आरोपों को लेकर ड्राफ्ट की गई रिपोर्ट पर विचार कर अडॉप्ट किया जाएगा.
महुआ मोइत्रा की सांसदी जाएगी? एथिक्स पैनल ने कौन सी रिपोर्ट तैयार कर ली है?
सूत्रों से पता चला है कि 7 नवंबर को पैनल मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है. बैठक में पैनल 2005 में सामने आए इसी तरह के मामले के सीख ले सकता है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है. हो सकता है कि उन्हें मौजूदा लोकसभा की शेष सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए. मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बैठक में पैनल 2005 में सामने आए इसी तरह के मामले के सीख ले सकता है. 2005 में सवाल पूछने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने वाले 11 सांसदों को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. फिर जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा था.
इससे पहले 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा पैनल के सामने पेश हुई थीं. लेकिन पूछताछ पूरी होने से पहले ही महुआ मोइत्रा और दानिश अली समेत पैनल के पांच विपक्षी सदस्यों के साथ बाहर आ गए. उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पर अनैतिक और पक्षपाती होने का आरोप लगाया. दावा किया कि उनसे गंदे और पर्सनल सवाल पूछे गए. इसके बाद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया कि समिति के सभी सदस्यों की मौजूदगी में सोनकर ने उनका 'चीरहरण' किया.
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इसके जवाब में सोनकर ने कहा कि पैनल मोइत्रा की बात सुनना चाहता था लेकिन उन्होंने वैध सवालों से ध्यान हटाने के लिए गुस्से का इस्तेमाल किया और पैनल और अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. सोनकर ने जोर देकर कहा कि मोइत्रा से बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे से जुड़े हुए सवाल ही पूछे गए थे. बोले- जांच का उद्देश्य महुआ मोइत्रा के अनैतिक आचरण के आरोपों से संबंधित तथ्यों का पता लगाना था.