दिल्ली महिला आयोग की 223 नहीं बल्कि 52 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है. ये सफाई दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की ओर से आई है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक WCD विभाग ने बताया कि जून 2017 की एक कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली महिला आयोग में 'अवैध' रूप से नियुक्त संविदा (contractual) कर्मचारियों को हटा दिया गया है.
दरअसल, पहले खबर आई थी कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली महिला आयोग (DCW) की 223 कर्मचारियों को हटाने की मंजूरी दी है. इस खबर के बाद से ही दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने हल्ला बोल दिया था. उन्होंने उपराज्यपाल के आदेश को 'तुगलकी फरमान' बताया था.
स्वाति मालीवाल ने X पर पोस्ट किया था,
"LG साहब ने DCW के सारे कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुगलकी फरमान जारी किया है. आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ 8 लोग सरकार द्वारा दिए गए हैं, बाकी सब 3-3 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. अगर सब कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ हटा दिए जाएंगे, तो महिला आयोग पर ताला लग जाएगा. ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून पसीने से बनी है ये संस्था. उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से खत्म कर रहे हो?
मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी. मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पर मत जुल्म करो!"
खबर थी कि दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की ओर से दिल्ली महिला आयोग की 223 संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी का आदेश दिया गया है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक बाद में WCD के अधिकारी ने साफ किया कि 223 पद 'अवैध' रूप से बनाए गए थे, लेकिन केवल 52 कर्मचारियों को काम पर रखा गया था. बाकी के पद खाली रह गए थे.