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तेलंगाना में महिलाओं को बस में सफर फ्री तो L&T बोली- 'अब हमें नहीं चलानी मेट्रो'

L&T के पास Hyderabad Metro project का 90 प्रतिशत हिस्सा है. तेलंगाना सरकार के पास बाकी का 10 प्रतिशत हिस्सा है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि कन्स्ट्रक्शन कंपनी L&T को ये प्रोजेक्ट बेचने पर विचार करना पड़ रहा है?

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L&T के पास हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत हिस्सा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- विकिपीडिया)

कन्स्ट्रक्शन कंपनी L&T, 2026  के बाद हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट को बेचने पर विचार कर रही है. कंपनी के डायरेक्टर और CFO आर शंकर रमन  (R Shankar Raman) ने बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि मेट्रो में लोगों की दिलचस्पी कम हो गई है. जिसके बाद कंपनी को ये फैसला लेने पर विचार करना पड़ रहा है.  (L&T plans to sell Hyderabad Metro project)

राज्य सरकार से सॉफ्ट लोन पर बातचीत

L&T के पास हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत हिस्सा है. जबकि तेलंगाना सरकार के पास बाकी का 10 प्रतिशत हिस्सा है.  L&T के डायरेक्टर ने इंटरव्यू में बताया कि कंपनी को ये प्रोजेक्ट चलाने के लिए 65 साल की लीज़ मिली है. फिलहाल प्रतिदिन 4 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग मेट्रो का इस्तेमाल कर रहे हैं. कम सवारियों के कारण हमें इस प्रोजेक्ट के बोझ को कम करने की जरूरत है. इसके लिए कंपनी को राज्य सरकार से 3,000 करोड़ रुपये का सॉफ्ट लोन (बिना किसी ब्याज के लोन) भी मिला है. साथ ही मेट्रो से जुड़े कुछ रियल एस्टेट को बेचने पर विचार हो रहा है. 

बातचीत के दौरान सवाल आया- कांग्रेस सरकार की मुफ्त बस यात्रा ने मेट्रो यात्रियों की संख्या को कैसे प्रभावित किया है? ये पूछे जाने पर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा,

मेट्रो में लोगों की दिलचस्पी कम है. महिलाएं अब मेट्रो के बजाय बस से सफर कर रही हैं. क्योंकि उन्हें कोई टिकट नहीं लेना पड़ता. बसों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं होने की वजह से पुरुष मेट्रो पर निर्भर हैं. जो प्रति टिकट औसतन 35 रुपये का भुगतान करते हैं. एक तरह से ट्रांसपोर्टेशन में जेंडर डिस्ट्रीब्यूशन हो चुका है. ये टिकाऊ नहीं है.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक L&T के डायरेक्टर और CFO आर शंकर रमन ने 2022 में एक इंटरव्यू के दौराना जाहिर किया था कि हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, तब मेट्रो से प्रतिदिन कुल साढ़े चार लाख से ज्यादा यात्री सफर करते थे. अनुमान था कि आने वाले सालों में ये संख्या 7-8 लाख हो जाएगी. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. 

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महिलाओं और ट्रांसजेंडर को फ्री बस सर्विस 

तेलंगाना में राज्य सरकार की महालक्ष्मी बस योजना के तहत महिलाओं और ट्रांसजेंडर को फ्री बस सर्विस मिलती है. कंपनी के डायरेक्टर आर शंकर रमन ने आगे बताया कि कुछ रियायतें राजनीतिक वादों के आधार पर की गई है. इससे राज्य को आर्थिक मदद नहीं मिलेगी. राज्य के परिवहन निगम को दिवालिया बनाने का कोई मतलब नहीं है. आधुनिक जीरो पॉल्यूशन ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए निजी पूंजी की जरूरत है. लेकिन प्रदूषण फैलाने वाली बसों पर पैसा खर्च किया जा रहा है.

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