The Lallantop

'लव जिहाद' समझकर एक्शन लेने पहुंची पुलिस, पर कहानी कुछ और ही निकली

पूछताछ के बाद बड़ा राज खुला.

Advertisement
post-main-image
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश पुलिस. 'लव जिहाद' कानून के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी तरह की एक कार्रवाई के लिए पुलिस की टीम कुशीनगर जिले की एक शादी में पहुंच गई. लेकिन इसके बाद अलग ही कहानी सामने आई.

Advertisement

इंडिया टुडे  के संतोष सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, कासया पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव में हैदर अली और शबीला की शादी हो रही थी. अरमान नाम के शख्स के घर पर. शबीला इस गांव की नहीं थी, न ही शादी में कोई मेहमान था. ऐसे में गांववालों को शक हुआ कि उसका जबरन निकाह पढ़वाया जा रहा है. उन्होंने पुलिस को 'लव जिहाद' का मामला बताते हुए सूचना दे दी.

पुलिस पहुंची तो अरमान, हैदर, शबीला और मौलवी एजाज़ खान को अपने साथ थाने ले गई. छानबीन में पता चला कि शबीला आज़मगढ़ की रहने वाली है. उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट आजमगढ़ के मुबारकपुर थाने में दर्ज है.

Advertisement

पूछताछ में शबीला ने बताया कि वो बालिग है और अपनी मर्ज़ी से हैदर से शादी कर रही है. उसने बताया कि वो अपने घरवालों को बताए बिना आज़मगढ़ से भागकर उसके पास आ गई थी. चूंकि, शबीला और हैदर दोनों बालिग थे और एक ही समुदाय से थे तो कोई केस बनता नहीं था.

हालांकि, आज़मगढ़ में शबीला की गुमशुदगी का मामला दर्ज था. इसलिए पुलिस ने शबीला के घरवालों को बुलाकर उसे उनके सुपुर्द कर दिया.

संतोष सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, अरमान खान ने बताया कि लड़का और लड़का दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे, निकाह करना चाहते थे. इसी वजह से उन्होंने अरमान से मदद मांगी थी. अरमान ने मौलवी को बुलाकर अपने घर पर निकाह रखवाया था, लेकिन तभी पुलिस पहुंच गई थी.

Advertisement

क्या कहना है पुलिस का?

कुशीनगर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस सूचना मिलने पर ही पहुंची थी. लेकिन पूछताछ में जब पता चला कि दोनों एक ही समुदाय के हैं और बालिग हैं, इसलिए दोनों को रिहा कर दिया गया. इसमें 'लव जिहाद' का मामला नहीं था.

Advertisement