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जय बाजपेयी कौन है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो विकास दुबे का 'बिजनेस' संभालता था

जय से एसटीएफ ने पूछताछ की थी.

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विकास दुबे के करीबी जय वाजपेयी (बाएं) से एसटीएफ ने पूछताछ की थी.
2 जुलाई, 2020 की रात. कानपुर का बिकरू गांव. गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ. आठ पुलिसवाले शहीद हो गए. इस हमले के मुख्य आरोपी विकास दुबे की 10 जुलाई की सुबह पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई. 2-3 जुलाई की रात से लेकर अब तक इस मामले में पुलिस ने विकास दुबे समेत छह लोगों को मार दिया है. पुलिस ने विकास के करीबियों को पूछताछ के लिए उठाया. एसटीएफ ने विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी से भी पूछताछ की. ऐसे में सवाल उठे कि आखिर ये जय बाजपेयी है कौन?
मीडिया में खबर चली कि हमले वाली रात से पहले विकास दुबे और जय बाजपेयी की बातचीत हुई थी. विकास ने पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए कहा था. रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया कि रात दो बजे जय ने अपनी लग्जरी गाड़ी से विकास दुबे की पत्नी और बेटे को चंदौली में सुरक्षित जगह पहुंचाया था.
काकादेव थाना क्षेत्र के विजय नगर इलाके में तीन लावारिस लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई थीं. काले रंग की तीनों गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं लगी हुई थी. इन गाड़ियों का संबंध जय बाजपेयी से बताया गया. विकास दुबे के साथ कई तस्वीरें सामने आने के बाद जय पुलिस की राडार पर आया.

कौन है जय बाजपेयी?

कानपुर के ब्रह्मनगर का रहने वाला है. उसके विकास से अच्छे संबंध थे. उसे विकास का खजांची बताया जा रहा है. ये भी बातें सामने आई हैं कि एक हफ्ते पहले जय ने विकास के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे. जय बाजपेयी ब्याज पर रुपए देता था. 'अमर उजाला' की रिपोर्ट के मुताबिक, जय ने विकास से दो फीसदी ब्याज पर पांच करोड़ 50 लाख रुपए लिए थे. इस पैसे को पांच फीसदी ब्याज पर तीसरे व्यक्ति को दिए थे. जय बाजपेयी ने हाल ही में 15 करोड़ का फ्लैट खरीदा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जय आठ साल पहले तक प्रिंटिंग प्रेस में 4000 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करता था. इसी बीच जय शहर के एक विधायक के संपर्क में आया. विधायक की वजह से उसे ठेके मिलने लगे. ठेकेदारी से करोड़ों कमाए. ठेकेदारी की रकम को वो ब्याज पर देने लगा.
कानपुर के एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी के साथ जय वाजपेयी. ये फोटो जय ने खुद अपने फेसबुक पर डाली है. कानपुर के एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी के साथ जय बाजपेयी. ये फोटो जय ने खुद अपने फेसबुक पर डाली है.

'अमर उजाला' ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा कि नोटबंदी के दौरान जय ने विधायक की मोटी रकम पार कर दी. इसके बाद से विधायक ने उससे किनारा कर लिया. इसके बाद वो एक अन्य नेता के संपर्क में आया. बताया जाता है कि इस नेता ने जय को विकास दुबे से मिलवाया. जय करोड़ों की बिजनेस कमेटी चलाता है. जय के शहर में कई मकान हैं.
'दैनिक भास्कर' की खबर के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि जय का कानपुर-लखनऊ रोड पर एक पेट्रोल पंप है. पुलिस को शक है कि जय ने बाजार में जो बड़ी रकम ब्याज पर उठा रखी है, वह विकास दुबे की ही है. जय के ब्रह्मनगर स्थित घर पर मंगलवार को पुलिस ने छापा मारा था. जय की पत्नी श्वेता और मां प्रसून देवी से भी पूछताछ की थी. तब जय की मां ने कहा था कि पुलिस उनके बेटे को फंसा रही है. लेकिन बेटे ने इतने कम समय में इतनी तरक्की कैसे कर ली, इसका जवाब नहीं दे पाई थीं.


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