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कृषि कानून वापसी की घोषणा होते ही कंगना रनौत को इंदिरा गांधी की याद क्यों आई?

कहा- लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया... तो यह भी एक जिहादी राष्ट्र है.

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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (दाएं) को याद करते हुए जब कंगना रनौत ने किसानों के बारे में काफी कुछ लिख डाला. (फोटो- Kangana Ranaut के फेसबुक हैंडल से)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की.राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने किसानों से घर वापस लौटने की अपील की. इस ऐलान के बाद लोगों ने खुलकर प्रतिक्रिया दी. ज्यादातर लोगों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया. वहीं सरकार के ही कुछ समर्थकों ने नाराजगी जाहिर की. इस बीच कंगना रनौत की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने अपने इंस्टा  पर दो स्टोरी पोस्ट की. उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी को दुखद और शर्मनाक बताते हुए लिखा,


दुखद, शर्मनाक, बिल्कुल अनुचित. अगर संसद में चुनी हुई सरकार की जगह सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया... तो यह भी एक जिहादी राष्ट्र है. उन सभी को बधाई जो इसे इस तरह चाहते थे.

वहीं दूसरे पोस्ट में कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा,


जब देश की अंतरात्मा गहरी नींद में है, तो लट्ठ ही एकमात्र समाधान है और तानाशाही ही एकमात्र संकल्प है... जन्मदिन मुबारक हो प्रधानमंत्री जी.

इसके बाद कंगना ने अपने फेसबुक और इंस्टा पर एक और पोस्ट शेयर किया. उसमें इंदिरा गांधी की फोटो लगाते हुए लिखा-


खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रहे हों… लेकिन उस महिला को मत भूलना… एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इनको अपनी जूती के नीच क्रश किया था… उसने इस देश को कितनी भी तकलीफ दी हो… उसने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया… लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए… उनकी मृत्यु के दशक के बाद भी… आज भी उसके नाम से कांपते हैं ये… इनको वैसा ही गुरु चाहिए. खालिस्तानी आंदोलन के उदय के साथ, उनकी कहानी पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है ….. बहुत जल्द आपातकाल ला रहे हैं

वहीं, लोगों ने सोशल मीडिया पर कंगना के बयान की तीखी आलोचना की. लोगों ने काफी कुछ लिखा और कहा. कुछ उन्हें उनके इस रवैये पर इलाज लेने की भी सलाह दे रहे हैं.

बता दें कि कंगना ने किसानों को ‘टेररिस्ट’ कहा था.  लिखा था,


प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है, मगर जो सोने की एक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़नशिप नहीं गई मगर इन्होंने ख़ून की नदियां बहा दीं.

उन्होंने आगे लिखा था,
जिन लोगों ने CAA के बारे में झूठ और अफ़वाह फैलाई थी. जिस वजह से दंगे भी हुए. ये वही लोग हैं जो अब फार्मर्स बिल को लेकर झूठ फैला रहे हैं. देश में दहशत का माहौल बना रहे हैं. ये आतंकवादी हैं.
 कंगना का किया गया पुराना ट्वीट, जो डिलीट हो चुका है. कंगना का किया गया पुराना ट्वीट, जो कि अकाउंट अब सस्पेंड हो चुका है.

आपको बता दें तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किए थे. राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तख़त किए थे. इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था. पिछले एक साल से किसान धरना दे रहे हैं. उम्मीद की जा रही थी कि पीएम की घोषणा के बाद किसान आंदोलन खत्म कर देंगे. पीएम मोदी ने भी किसानों से धरना खत्म करने की अपील की है. हालांकि किसानों का कहना है कि जब तक संसद से प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, आंदोलन खत्म नहीं होगा.