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जालोर: दलित छात्र की मौत पर BJP विधायक बोले- 'जाति के कारण पिटाई वाली बात पर शक'

जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा है कि इस मामले की जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए.

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(बाएं-दाएं) जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग (फाइल फोटो: ट्विटर) और इलाज के दौरान बच्चे की तस्वीर जिसकी मौत हो गई (फोटो: आजतक)

राजस्थान (Rajasthan) के जालोर जिले के स्कूल में एक दलित बच्चे की कथित पिटाई के बाद मौत के मामले में जालोर से बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) का बयान आया है. लोकल मीडिया से बातचीत में जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) ने इस आरोप पर संदेह जताया है कि बच्चे की पिटाई उसकी जाति के कारण या पानी पीने के कारण की गई. उन्होंने कहा कि मामले की जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए.

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बता दें कि 13 अगस्त को जालोर के सुराणा में इंद्र नाम के एक बच्चे की मौत हो गई थी. खबरों के मुताबिक बीती 20 जुलाई को इंद्र ने अपने प्राइवेट स्कूल के बर्तन से पानी पी लिया था, जो एक टीचर चैल सिंह को नागवार गुजरा. आरोप है कि एक दलित के मटके से पानी पी लेने से चैल सिंह को इतना गुस्सा आया कि बच्चे को मार-मार घायल कर दिया. बाद में गुजरात के अहमदाबाद के अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई.

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क्या दलित होने के नाते बच्चे को पीटा गया?

बच्चे के घरवालों का कहना है कि बच्चा अपनी जाति की वजह से मारा गया. वहीं फिलहाल पुलिस इस घटना में जाति का ऐंगल होने से इनकार कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि जांच में अभी ये ऐंगल सामने नहीं आया है.

इसी बीच बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) का भी बयान आया. उन्होंने कहा है कि आरोपी अध्यापक ने पिटाई की बात स्वीकार की है, लेकिन क्या दलित बच्चे की पिटाई इसलिए की गई कि उसने पानी पी लिया था, पहले ये साफ होने देना चाहिए. गर्ग (Jogeshwar Garg) ने कहा,

मैंने गांव से जो जानकारी ली है, उसके अनुसार मारपीट हुई है, ये तय है. लेकिन ये मारपीट जाति के कारण या पानी के कारण हुई है, इसमें संदेह है और इसलिए जांच का इंतजार करना चाहिए.

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आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया गया

इस घटना के आरोपी टीचर चैल सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है. उसका स्कूल इंद्र के घर से कोई चार किलोमीटर की दूरी पर है. स्थानीय लोग बताते हैं कि चैल सिंह करीब बीते दो दशकों से ये स्कूल चला रहा था. इसके लिए उसने एक राजपूत परिवार से एक मंजिला इमारत किराये पर ली थी.

सोमवार, 15 अगस्त को जालोर के एसपी हर्ष वर्धन अगरवाला और उनकी टीम ने स्कूल के कई दूसरे छात्रों के बयान दर्ज किए. इनमें वे छात्र भी शामिल हैं, जो 20 जुलाई के दिन स्कूल में मौजूद थे. एसपी अगरवाला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

हम इस आरोप की जांच कर रहे हैं कि छात्र को एक विशेष बर्तन से पानी पीने की वजह से मारा गया. स्कूल के लोगों से भी पूछताछ चल रही है. लेकिन शुरुआती जांच में ये आरोप सही साबित नहीं होता.

स्कूल के टीचर क्या बता रहे?

उधर चैल सिंह के स्कूल के स्टाफ ने उसका बचाव किया है. उनका कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग में पानी का कोई बर्तन नहीं रखा गया था. स्कूल के एक टीचर अशोक जींगर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

मैं ये तो नहीं कह सकता कि 20 जुलाई को असल में क्या हुआ था. लेकिन इस स्कूल में ज्यादातर स्टाफ एससी-एसटी समाज के ही हैं और कभी भी हमसे भेदभाव नहीं किया गया है. यहां कोई किसी मटकी से पानी नहीं पीता है. छात्र और टीचर स्कूल कंपाउंड में बने एक टैंक से पानी पीते हैं.

हालांकि, इंद्र का परिवार आरोप लगाता है कि स्कूल के दलित टीचरों पर काफी दबाव है. उसका कहना है कि आरोपी चैल सिंह का बचाव करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि वही स्कूल का मालिक है.

इस मामले की जांच करने वाले अधिकारी (IO) हिम्मत चरण ने बताया कि स्कूल के आठ टीचरों में से तीन अनुसूचित जाति के हैं. दो अनुसूचित जनजाति से आते हैं. एक टीचर ओबीसी कैटेगरी से है. बाकी दो टीचर अन्य समाज के सदस्य हैं. इनमें चैल सिंह भी शामिल है. वो राजपूत समाज से आता है.

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