और अमिताभ गुप्ता, जिनकी परमिशन से ये दोनों महाबलेश्वर पहुंचे और वहां पकड़े गए. जब पता चला कि परमिशन अमिताभ गुप्ता ने दी है, तो उन पर जांच बैठ गई. अब इस जांच का नतीजा आ गया है.
जांच का क्या नतीजा आया?
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया -
“अमिताभ गुप्ता ने जांच समिति के सामने ये माना है कि उन्होंने वधावंस को परमिशन किसी दबाव में आकर नहीं दी थी. वधावंस ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जाने की परमिशन मांगी थी और IPS गुप्ता ने मानवीय आधार पर उन्हें परमिशन दी. उन्होंने ये माना है कि कपिल और धीरज उनके फैमली फ्रेंड हैं और उन्होंने फैमिली इमरजेंसी की बात कहकर ही ये परमिशऩ हासिल की थी.”अमिताभ गुप्ता को फोर्स लीव और जांच
अनिल देशमुख ने 10 अप्रैल को ही ट्वीट करके जानकारी दी कि अमिताभ गुप्ता पर जांच बैठ रही है. जांच का जिम्मा अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक को सौंपा गया. कोई नतीजा आने तक अमिताभ गुप्ता को कंपल्सरी/फोर्स लीव पर भेज दिया गया.
7 मार्च - CBI ने यस बैंक से जुड़े मामले में केस दर्ज किया था. इसमें कपिल और धीरज वधावन के साथ ही राणा कपूर को आरोपी बनाया गया.
9 मार्च – CBI ने वधावन के घर पर छापा मारा. कपिल और धीरज नहीं मिले.
17 मार्च – ED ने कपिल और धीरज को पेश होने के लिए कहा था. दोनों कोरोना वायरस का हवाला देकर पेश नहीं हुए. ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी.
अगले कुछ दिन तक दोनों की कोई ख़बर नहीं. इसी बीच 25 तारीख़ से देशभर में लॉकडाउन हो गया.
9 अप्रैल - सतारा पुलिस ने कपिल और धीरज सहित 23 लोगों को लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में पकड़ा. ये लोग पांच कारों में खंडाला से महाबलेश्वर पहुंचे थे.
पहले क्वारंटीन, फिर कस्टडी
जब सतारा पुलिस ने रोका, तो वधावंस के पास एक लेटर था. लेटर में फैमिली इमरजेंसी का जिक्र करते हुए इन्हें लॉकडाउन में निकलने की परमिशन दी गई थी. नीचे दस्तख़त थे सीनियर IPS ऑफिसर अमिताभ गुप्ता के.

वधावंस के परिवार में किसी को, किसी तरह की कोई इमरजेंसी नज़र नहीं आई. इसके बाद CBI ने सतारा के DM को एक लेटर लिखा - कपिल और धीरज को CBI परमिशन के बिना कहीं जाने नहीं दिया जाए. 14 दिन के लिए पूरे परिवार को क्वारंटीन किया गया और फिर CBI ने कस्टडी में ले लिया.
घोटाले के आरोपी वधावंस को लॉकडाउन तोड़कर निकलने की परमिशन मिली ही कैसे? इस पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर महाराष्ट्र बीजेपी के वाइस प्रेसिडेंट और पूर्व सांसद किरीट सोमैया तक ने सवाल उठाए.
इधर अमिताभ गुप्ता पर जांच पूरी हुई है, लेकिन कहीं भी उनके लिए ‘क्लीन चिट’ जैसे शब्द का इस्तेमाल फिलहाल नहीं हुआ है. अनिल देशमुख ने साफ कह दिया है कि रिपोर्ट आई है. IPS गुप्ता ने भी अपना पक्ष रख दिया है. आगे का फैसला मुख्यमंत्री करेंगे.
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