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क्या फायदे हैं मोदी जी के 100% FDI के?

FDI के आने से हमारी जिंदगी पर क्या फर्क पड़ेगा. यहां जान लो, आसान भाषा में.

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फोटो क्रेडिट: Reuters

सरकार ने सोमवार की शुरुआत शानदार ढंग से की. सिविल एविएशन, सिंगल-ब्रांड रिटेल, डिफेन्स और फार्मा में FDI पर बड़े फैसले लिए गए हैं. इतने बड़े कि मोदी जी ने ट्वीट कर के बताया कि इंडिया दुनिया में सबसे ज्यादा ओपन इकॉनमी बन चुकी है.

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नवंबर 2015 में भी FDI में कुछ सुधार किए गए थे. अब सुधारों का दूसरा स्टेप है. FDI का सीधा मतलब है कि दूसरे देशों की कंपनियां और लोग हमारे यहां के मार्किट में कितना पैसा लगा सकते हैं और उससे कितना कमा सकते हैं. कमा के ले जायेंगे या यहीं रखना पड़ेगा. ले जाने वाली बात पर ही मामले फंसते हैं. फायदा नहीं होगा तो कोई पैसा क्यों लगाएगा. रघुराम राजन के गवर्नर पद के अगले टर्म से इंकार के बाद इंडियन इकॉनमी का मामला गड़बड़ा रहा था. इन निर्णयों से डैमेज कंट्रोल होगा. क्या-क्या निर्णय लिए गए हैं?

1. डिफेंस सेक्टर में 100% FDI

  • 49% FDI तक किसी से  इजाजत नहीं लेनी है. आटोमेटिक रूट है. सीधा आइए और पैसा लगाइए.
  • उसके ऊपर सरकार से इजाजत लेनी होगी. गवर्नमेंट अप्रूवल रूट. एक और बदलाव है. इसके पहले 49% से ऊपर जाने पर 'स्टेट ऑफ़ आर्ट' टेक्नोलॉजी एक शर्त थी. मतलब हाईएस्ट लेवल की टेक्नोलॉजी. अब थोड़ी कम भी रहेगी तो चलेगी.
  • अब छोटे हथियारों में भी FDI लाई जा सकती है. पुलिस और मिलिट्री के लिए ये फायदेमंद होगा. तुरंत डिलीवरी होगी.
फायदा: नया तकनीक आएगी. बाहर के लोग पैसे लगाएंगे. अपने को इंतजाम नहीं करना पड़ेगा. रोजगार बढ़ेगा. स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया का यूज होगा.

2. फार्मास्यूटिकल में 100%

  • इस सेक्टर में ग्रीनफ़ील्ड फार्मा में 100% आटोमेटिक रूट से है.
  • ब्राउनफ़ील्ड में 74% आटोमेटिक और उसके ऊपर गवर्नमेंट रूट से.
ग्रीनफ़ील्ड: मतलब आप जमीन ले के एकदम शुरू से कंपनी लगाते हैं. ब्राउनफ़ील्ड:मतलब आप कोई पुरानी कंपनी खरीद के उसमें पैसा लगाते हैं. फायदा: ज्यादा नहीं. पर अगर गवर्नमेंट का कोई अपना प्लान है तो सफल होगा. वैसे 100% ब्राउनफ़ील्ड में भी आटोमेटिक रहता तो फायदा हो सकता था. गवर्नमेंट अप्रूवल रूट करने से कई दिक्कतें आ जाती हैं. पेपरवर्क बढ़ जाता है. टाइम लगता है. फिर गवर्मेंट कई सारे कानूनों के जाल में उलझकर प्रोजेक्ट रोक भी सकती है. कई तरह के डिपार्टमेंट हैं. अप्रूवल लेने में बहुत दिक्कत हो जाती है. इन्वेस्टर भिनक जाते हैं. पर लम्बे समय को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसे फैसले लेती है. 3. सिविल एविएशन में 100% FDI
  • इसमें ग्रीनफ़ील्ड प्रोजेक्ट में आटोमेटिक रूट से 100% था. ब्राउनफ़ील्ड में आटोमेटिक से 74% और गवर्नमेंट अप्रूवल से 100%.
  • ब्राउनफ़ील्ड यानी अभी के एयरपोर्ट्स में पैसा लगाने के लिए आटोमेटिक रूट से 100% FDI कर दिया गया है.
  • एयर इंडिया या तो सुधरेगी या फिर दुकान समेटेगी. क़तर, सिंगापुर, टर्की जैसे देशों की कंपनियां बहुत दिन से आना चाहती हैं.
  • 5 साल उड़ाने का एक्सपीरियंस और कम से कम 20 एयरक्राफ्ट रखने का गोदाम - दोनों ही सह्रतें पहले ही हटाई जा चुकी हैं.
  • अगर आप NRI हैं और बहुत पैसा रखे हुए हैं तो किसी से पूछने की जरूरत नहीं है. आइए और आटोमेटिक रूट से पैसा लगाइए.
फायदा
  • दुनिया के बहुत सारे बड़े शहरों जैसे मेड्रिड, मास्को, शंघाई से हमारी डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है. ये प्रॉब्लम दूर होगी.
  • जो इन्वेस्टर शुरू से मेहनत नहीं करना चाहते होंगे वो किसी एअरपोर्ट में पैसा लगा सकते हैं. हमें वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी की अभी बहुत जरूरत है. आने की ही सुविधा नहीं रहेगी तो बिजनेस होगा कैसे?
  • SAARC देशों को फायदा होगा. पड़ोसी आराम से हवाई यात्रा कर पाएंगे.
डर:  इसमें घाटा नहीं, डर है. कि उड़ने का काम विदेशी हाथों में चला जायेगा. फिर नेशनल सिक्योरिटी का भी डर रहेगा. बड़ा सोच-विचार के फैसला किया गया है. इतना डरने की जरूरत नहीं है. 4. ब्राडकास्टिंग सर्विसेज में 100% केबल नेटवर्क, मोबाइल टीवी, डिजिटलाइजेशन में 100% FDI कर दिया गया है. फायदा: जितना पे कर रहे हैं हम लोग, उतने में ही बेहतर सर्विस मिलेगी. नई चीजें भी आ सकती हैं. अमेरिका वाली. 5. सिंगल ब्रांड रिटेल में 100% इसमें जो लोग 'स्टेट ऑफ़ आर्ट' टेक्नोलॉजी लायेंगे उनके लिए 100% FDI के अलावा एक और छूट है. उनको सारा सामान इंडिया से ही नहीं खरीदना पड़ेगा. कहीं और से भी खरीद सकते हैं. हालांकि ये वाली छूट 3 से 5 साल तक ही रहेगी. मतलब आ जाओ पहले फिर बताते हैं. फायदा: एप्पल वाले भी यहां अपना रिटेल शुरू कर सकते हैं. 6. पशुपालन इसमें 100% FDI कर दिया गया है. मछली पालन, कुत्तों की ब्रीडिंग, क्रस्टेशियन, मधुमक्खी पालन में बाहर के लोग पैसा लगा सकते हैं. हमारे किसानों के लिए ये बहुत जरूरी था. फायदा: किसानों को मार्किट के लिए चिंता नहीं करनी पड़ेगी. उन्हें बस पशुपालन पर ध्यान देना रहेगा.

कुल मिलाकर डरने की जरूरत नहीं है. हमें एक ट्रिलियन रुपये की जरूरत है. पोर्ट, एअरपोर्ट, मेडिकल, डिफेन्स सबमें. थोड़ा पैसा इससे आएगा. नौकरियां बढ़ेंगी. नई टेक्नोलॉजी आएगी. हमारी कंपनियां भी कुछ सीखेंगी. फिर अभी तक 1991 के बाद भारत में मारीशस, जापान, यूएस, हांगकांग से ही FDI आता है. अब बाकी देशों से भी आने की सम्भावना बढ़ेगी.


(ये स्टोरी ऋषभ श्रीवास्तव ने की है.)

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