बीएचयू में समाजवादी छात्रसंघ का अध्यक्ष है आशुतोष सिंह इशू. इसने 9 नवंबर को रात साढ़े 9 बजे फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी जिसमें बताया कि आईआईटी बीएचयू के वार्षिक समारोह में जो डीजे नाइट होती है वो 'हर बार विश्वविद्यालय सांस्कृतिक और रचनात्मक मूल्यों को तार तार करते आ रहा है'. आशुतोष की मुख्य खब्त ये थी कि विश्वविद्यालय सरस्वती पूजा और दुर्गा पूजा के वक़्त लाउडस्पीकर्स की मनाही करता है जबकि खुद डीजे नाइट ऑर्गनाइज़ करवा रहा है. इससे 'निपटने' के लिए आशुतोष ने अपने साथियों से अपील की कि वो सभी उसका साथ दें और आईटी ग्राउंड पहुंचकर 'महामना के सिद्धांतों को तार-तार होने से बचाएं. अपने पोस्ट में आशुतोष का ये भी कहना था कि फेस्ट में अश्लीलता और अभद्रता होती है और वहां नशाखोरी भी खूब चलती है. इसके साथ ही बाहरी तत्व भी आते हैं और साथ ही ये भी शर्त रखी जाती है कि लोग जोड़े में अर्थात कपल एंट्री में आएं.

आशुतोष सिंह इशू का फेसबुक पोस्ट
आईआईटी स्टूडेंट्स से हुई बातचीत के अनुसार 10 नवंबर को इशू के साथ करीब 100 लड़के मोटरसाइकिलों पर लदकर कैम्पस में दाखिल हुए और गुंडागर्दी करने लगे. वो डीजे नाइट के विरोध में थे और उन्होंने तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी. गार्ड्स ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो गार्ड्स को भी मारा-पीटा. एक गार्ड जो खड़ा होकर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना रहा था, उसका मोबाइल छीना और तोड़ दिया. ये सारी घटना लिम्ब्डी कॉर्नर पर हो रही थी.
किसी कॉलेज के फेस्ट में कपल एंट्री कबसे होने लगी, मालूम नहीं. अगर ऐसा सच में है तो आईआईटी बीएचयू सही मायनों में पढ़ने योग्य कॉलेज है. फेस्ट में कपल एंट्री का मतलब होगा कि लड़कियों के लिए उससे सुरक्षित कोई भी और फेस्ट नहीं हो सकता. क्यूंकि नंगई हमेशा 'अकेले' आये लड़कों के झुंड ही किया करते हैं. खैर, ज्ञान फिर कभी.
इस पूरे मामले में लंका थाने में एक एफ़आईआर दर्ज हुई. इसमें आशुतोष सिंह के अलावा 100 अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है.
आईआईटी स्टूडेंट्स इस पूरी घटना से काफी गुस्से में हैं. उन्हें नाराज़गी इस बात से कम है कि उनकी डीजे नाइट कैंसिल हुई (जिसके कैंसिल होने का कारण आने वाली परीक्षाएं बताया गया) बल्कि वो इस बात से नाराज़ हैं कि उनकी सिक्योरिटी का कोई भी ठीक-ठाक इंतज़ाम नहीं किया जा रहा है. 100 लड़कों का जत्था आकर कैम्प में तोड़-फोड़ मचा देता है और कोई रोकने वाला तक मौजूद नहीं रहता. डीजे नाइट में बाहरवालों के आने का हवाला देने वाली इस भीड़ में खुद कितने बाहर के लोग शामिल थे, इसका किसी को कोई अंदाज़ा नहीं है. सीसीटीवी फुटेज में सारी घटना कैद हुई है, गाड़ियों को और उनपर सवार लोगों को साफ़-साफ़ देखा जा सकता है लेकिन फिर भी एफ़आईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ़ दर्ज होती है और किसी की भी गिरफ्तारी नहीं होती है.

घटना की सीसीटीवी में कैद तस्वीर.
दूसरी तरफ़ फेसबुक पर इस गुंडागर्दी में शामिल लोगों द्वारा खुल्ले-आम तस्वीरें डाली जा रही हैं लेकिन उसका भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है.

आशुतोष का फेसबुक पोस्ट जिसमें उसके साथ जुटे हुए गुंडे देखे जा सकते हैं. आगे उनकी बड़ी तस्वीरें.



आईआईटी प्रॉक्टर से भिड़ता आशुतोष सिंह
मदनमोहन मालवीय के आदर्श एक डीजे नाइट से तार तार हुए जा रहे थे. ये अगर महामना को मालूम पड़ जाए तो वो जहां कहीं भी होंगे, गांधी जी से कुछ वक़्त की इजाज़त लेकर, छड़ी लेकर इन गुंडों को ठीक करने निकल पड़ेंगे. बेहतर यही है कि बीएचयू प्रशासन स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी को लेकर थोड़ी सतर्क हो ताकि कल को किसी और ऐतिहासिक हस्ती का नाम लेकर अपनी भावनाओं के आहत होने का हवाला देते हुए कोई नंगई पर न उतर आए. जिस संस्कृति को अपनी रक्षा के लिए ऐसे टटपुन्जियों की ज़रुरत पड़ने लगी, वो संस्कृति किस ओर जा रही है, हम सभी समझ सकते हैं.
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