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कौन हैं शुभांशु शुक्ला जो अंतरिक्ष में पायलट के तौर पर जाने वाले हैं!

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को Axiom Mission 4 के पायलट के तौर पर चुना गया है. इस मिशन के लिए नासा ने प्राइवेट कंपनी Axiom और स्पेस एक्स (Space X) के साथ साझेदारी की है. इस मिशन के लिए 14 दिनों का वक्त तय किया गया है.

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एग्ज़ियम मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री (फोटो- Axiom)

भारत को चार दशक बाद अपना दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिल गया है. भारतीय एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 1.4 अरब भारतीयों का स्पेस में प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. 40 वर्षीय ग्रुप कैप्टन शुक्ला 2026 में होने वाले भारतीय मिशन गगनयान का भी हिस्सा हैं. ग्रुप कैप्टन शुक्ला को Axiom Mission 4 के पायलट के तौर पर चुना गया है. इस मिशन के लिए नासा (NASA) ने प्राइवेट कंपनी Axiom और स्पेस एक्स (Space X) के साथ साझेदारी की है.

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Axiom प्रोग्राम के तहत ISS का पहला प्राइवेट मिशन 1 अप्रैल 2022 को लॉन्च किया गया था. इस मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स ने अंतरिक्ष में 17 दिन बिताए थे. दूसरा मिशन 2 मई 2023 को शुरू हुआ जिसमें 8 दिन लगे. तीसरा मिशन जनवरी 2024 में शुरू हुआ था. और अब axiom का चौथा मिशन शुरू होने जा रहा है. चौथे मिशन के लिए 14 दिनों का समय तय किया गया है.

इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा 

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दो हफ्तों तक स्पेस स्टेशन में रहने के दौरान हम कई सारे साइंटिफिक मिशंस को अंजाम देंगे. इस वक्त हमारी पूरी टीम इस काम में जुटी है कि कैसे वहां बिताए गए एक-एक मिनट का इस्तेमाल किया जा सके. हम पूरी दक्षता के साथ इस मिशन को पूरा करेंगे. मुझे उम्मीद है कि इससे मेरे देश की पूरी एक पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी.

शुभांशु आगे कहते हैं 

इस मिशन को लेकर मेरा एक पर्सनल एजेंडा भी है. मैं वहां स्पेस स्टेशन में अपने अनुभव को तस्वीरों और वीडियोज़ के जरिए सेव करूंगा. जब मैं घर आऊंगा तो भारतवासियों के साथ इन्हें शेयर करूंगा. मैं इस रोमांचक सफर का एक-एक पल उनके साथ साझा करना चाहता हूं. भले ही मैं अकेला भारतीय स्पेस में जा रहा हूं, पर सच कहूं तो मैं मानता हूं कि 1.4 अरब लोग स्पेस में जा रहे हैं.

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कौन हैं शुभांशु?

इंडियन एयरफोर्स के फाइटर पायलट शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर, 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. शुभांशु नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के कैडेट रहे हैं. इसके बाद उन्हें 17 जून 2006 को एयरफोर्स की फाइटर विंग में कमीशन किया गया.

वो फिलहाल एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. शुभांशु शुक्ला के पास 2 हजार घंटे से भी अधिक उड़ान भरने का अनुभव है. एविएशन की भाषा में इसे फ्लाइंग आवर्स (Flying Hours) कहते हैं. साथ ही उन्हें सुखोई (SU-30), मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एंटोनोव-32 जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव है.

ग्रुप कैप्टन शुभांशु को इस मिशन के पायलट के तौर पर चुना गया है. उनके अलावा इस मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन को इस मिशन का कमांडर बनाया गया है. पैगी Axiom-2 मिशन के भी कमांडर रही हैं. यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एस्ट्रोनॉट रिजर्व क्लास ऑफ 2022 के सदस्य स्लावोज उज्नान्सकी विज्निएक्स्की को मिशन स्पेशलिस्ट बनाया गया है. इसके अलावा हंगरी के इंजीनियर टिबोर कापू को भी मिशन स्पेशलिस्ट के तौर पर चुना गया है. टिबोर को स्पेस रेडिएशन में महारत हासिल है.

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