मैंने यह फिल्म बेहद कम उम्मीदों के साथ देखी. बहुत कम फिल्में सच के साथ न्याय कर पाती है. फिल्म निर्माता अक्सर सिनेमाई और क्रिएटिव छूट का सहारा लेते हैं. लेकिन सिनेमाई और क्रिएटिव छूट 'कभी खुशी कभी गम' जैसी बबल गम सिनेमा पर लागू की जा सकती है. इंडियन एयरफोर्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़े नियमों पर नहीं. मुझे नहीं पता कि गुंजन ने फिल्म के रिसर्चर्स को अपने अनुभवों के बारे में क्या बताया, लेकिन यह बात पूरे भरोसे के साथ कह सकती हूं कि जिसने 5-6 साल भी वर्दी पहनी है, वह भी इस तरह की जानकारी छिछोरा सिनेमा बनाने वालों को नहीं देगा.कहा- लेडिज टॉयलेट नहीं थे लेकिन... नम्रता ने अपने लेख में माना कि शुरू में एयरफोर्स में महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम या लेडिज टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थी. लेकिन कभी भी इस वजह से असुविधा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कई मौकों पर कपड़े चेंज करने के दौरान पुरुष अफसर बाहर ध्यान रखते थे. फिल्म में महिला अफसरों के साथ बदसलूकी दिखाए जाने पर नम्रता चांदी ने लिखा कि 15 साल के उनके करियर में ऐसा कभी नहीं हुआ. एयरफोर्स में चाहे पुरुष हो या महिला सभी पायलटों को अपनी क्षमता साबित करनी होती है. नम्रता ने अपना उदाहरण देते हुए कहा,
पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उड़ान भरने वाली मैं पहली महिला ऑफिसर हूं. यह काम मैंने 1996 में किया था. मुझ पर साथ बैठने वाले सभी अफसरों का भरोसा था. मैं पहली महिला पायलट थी जिसे लेह में तैनात किया गया और सियाचिन ग्लेशियर में चीता हेलीकॉप्टर उड़ाने का मौका मिला.फिल्म पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप नम्रता ने फिल्म निर्माताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा,
कारगिल जाने वाली पहली महिला पायलट श्रीविद्या राजन थी न कि गुंजन. हालांकि मुझे पता है कि श्रीविद्या इस पर शिकायत नहीं करेगी.जान्हवी कपूर को दी एक सलाह उन्होंने कहा कि यह फिल्म महिलाओं को एयरफोर्स में शामिल होने से रोकने का काम करती है. फिल्म में महिलाओं को जिस तरह दिखाया गया है, उससे उनकी साथी महिला अफसर हैरान और दुखी हैं. उन्होंने एक्ट्रेस जान्हवी कपूर को भी एक सलाह दी. कहा कि भविष्य में कभी ऐसी फिल्म मत करना. भारतीय पेशेवर महिला और पुरुषों की गलत छवि दिखाना बंद होना चाहिए. एयरफोर्स ने सेंसर बोर्ड से की थी शिकायत इससे पहले इंडियन एयरफोर्स ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर इस फिल्म के बारे में धर्मा प्रोडक्शंस की शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि फिल्म में एयरफोर्स को बेवजह नकारात्मक रूप में पेश किया गया है. बता दें कि 'गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल' फिल्म 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी.
Video: फिल्म रिव्यू: गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल