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हरियाणा में डिप्टी सीएम के लिए बना हैलीपैड किसानों ने खोद डाला, कहा- एंट्री बैन

किसान दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

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जींद के उचाना में दुष्यंत चौटाला के लिए तैयार हैलीपैड को फावड़े-कुदाल से खोद दिया गया. (तस्वीर: Twitter)
नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा के किसान भी अब जमकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार 24 दिसंबर  को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जींद का दौरा करना था. लेकिन किसानों ने उस हैलीपेड को ही खोद दिया जिस पर दुष्यंत चौटाला के हेलीकॉप्टर को लैंड करना था. दुष्यंत द्वारा किसानों का समर्थन नहीं करने से नाराज लोगों ने दुष्यंत चौटाला गो बैक जैसे नारे भी लगाए. किसानों ने दुष्यंत के विधानसभा क्षेत्र में उनकी एंट्री बैन करने की भी चेतावनी दी है. विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए दुष्यंत चौटाला की जींद यात्रा रद्द कर दी गई. आजतक के विजेंदर कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक़, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जींद के उचाना से विधायक हैं, और गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने आने वाले थे. हैलीपैड खोदने के बारे में किसानों का कहना है कि दुष्यंत चौटाला के दादा और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल ने किसानों के लिए कुर्सी को लात मार दी थी, लेकिन दुष्यंत ने कुर्सी के लिए किसानों को लात मार दी है. अब जब तक दुष्यंत चौटाला अपना इस्तीफा देकर किसानों के बीच में नहीं आते, तब तक उन्हें इस क्षेत्र में नहीं घुसने दिया जाएगा. कोई भी नेता अगर यहां आता है तो उसका इसी तरह से विरोध किया जाएगा. सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जैसे किसानों के लिए सड़कें खुदवाई थीं, अब किसान उन्हें उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं. विडियो देख सकते हैं- हरियाणा के 13 किसानों पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज इससे एक दिन पहले ही, हरियाणा पुलिस ने 13 किसानों पर हत्या की कोशिश और दंगा करने की धाराओं में केस दर्ज किया है. इन किसानों ने 22 दिसंबर को नए कृषि कानूनों के विरोध में अंबाला में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए थे. इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसानों ने सरकार की आलोचना की है. किसानों पर केस दर्ज किए जाने को लेकर हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी शैलजा ने भी कहा कि खट्टर सरकार किसानों की आवाज को लगातार दबा रही है. शैलजा ने कहा है कि किसानों के खिलाफ हत्या की कोशिश जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने से सरकार की हताशा का ही पता चलता है. इस मामले को लेकर विस्तार से यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

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