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'एक डिब्बे में 60 लाशें थी'- ट्रेन एक्सीडेंट के वक्त मंदिर पर खड़े तुकना दास ने क्या बताया?

"टक्कर इतनी तेज़ थी कि लगा जैसे भूकंप आ गया."

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तुकना दास और उनके दोस्तों ने कई यात्रियों के शव निकाले. (फोटो: आजतक और PTI)

ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के बीच हुई दुर्घटना में 270 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 2 जून की शाम जब ये हादसा हुआ, तब सबसे पहले स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे. ट्रेन में फंसे घायलों को निकाला. मृत यात्रियों के शव निकाले. इन्हीं मददगारों में एक हैं, तुकना दास. जब तीन ट्रेनों की टक्कर हुई, उस वक्त तुकना दास पास के मंदिर की छत पर ही थे. आजतक के रिपोर्टर ऋतिक मंडल ने तुकना दास से इस हादसे के बारे में बात की.

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'ऐसी टक्कर कि लगा भूकंप आ गया'

तुकना दास ने बताया कि ये टक्कर इतनी तेज़ और भयानक थी कि उन्हें लगा जैसे भूकंप आ गया हो. 38 साल के तुकनादास एक कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं. बहनागा बाजार स्टेशन, जहां रेल हादसा हुआ, वहां पास ही एक मंदिर में काम चल रहा है. तुकना दास वहीं काम करते हैं. हादसे वाली शाम यानी 2 जून को काम खत्म होने के बाद वो छत पर टहल रहे थे. उन्होंने इस हादसे का आंखों देखा हाल बताया. 

तुकना दास के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस सीधे मालगाड़ी में जा घुसी थी. वो फौरन लोगों को बचाने के लिए दुर्घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. उन्होंने कहा कि जब वो एक कोच के अंदर गए, तो उन्होंने उसमें लगभग 60 लोगों को मृत पाया. तुकना दास और उनके दोस्तों ने कई यात्रियों के शव निकाले. कई घायल मदद मांग रहे थे. उन्होंने घायलों को ट्रेन से बाहर निकाला, पानी पिलाया. उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की. तुकना दास जैसे और भी स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे. 

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हादसे की वजह पर क्या बोले रेल मंत्री?

बालासोर में 2 जून की शाम से शुरू हुआ राहत और बचाव का काम 3 जून की सुबह पूरा हो गया था. इसके बाद वहां रेस्टोरेशन का काम शुरू किया गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 4 जून को फिर बालासोर ट्रेन हादसे की साइट पर पहुंचे. यहां मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री ने जानकारी दी कि दुर्घटना के "असल वजह" की पहचान कर ली गई है. उन्होंने कहा,

"रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर ने जांच की है. मेरा इस वक्त कॉमेंट करना ठीक नहीं होगा, जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए, लेकिन दुर्घटना के "असल वजह" की पहचान कर ली गई है. फिलहाल, अभी हमारा पूरा फोकस रेस्टोरेशन पर है."

बता दें कि बालासोर रेल हादसा तब हुआ, जब चेन्नई की ओर जा रही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. यह बगल के ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई. इससे कोरोमंडल एक्सप्रेस का पिछला डिब्बा तीसरे ट्रैक पर जा गिरा. तीसरे ट्रैक पर सामने से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकराकर पटरी से उतर गई.

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