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डीनो मोरिया की एक करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति ज़ब्त क्यों हो गई?

ED ने की कार्रवाई.

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डिनो मोरिया पर स्टर्लिंग बायोटेक फ्रॉड केस में आरोप हैं. (फाइल फोटो)
प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED ने एक्टर डिनो मोरिया समेत तमाम हस्तियों पर बड़ी कार्रवाई की है. संदेसरा और उसकी फर्म स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े फ्रॉड केस में ED ने करीब 8 करोड़ 79 लाख रुपये की संपत्ति सीज़ की है. इसमें 8 प्रॉपर्टीज़ और 3 गाड़ियां शामिल हैं. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक- इसमें डिनो मोरिया की एक करोड़ 40 लाख रुपये की संपत्ति शामिल है. उनके अलावा एक्टर संजय खान की 3 करोड़ रुपये की संपत्ति, अकील अब्दुलखलील बचुअली की एक करोड़ 98 लाख रुपये की संपत्ति और इरफान अहमद सिद्दकी की 2 करोड़ 41 लाख रुपये की संपत्ति शामिल है. इरफान अहमद, कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अहमद पटेल के दामाद हैं. अहमद पटेल से भी ED ने पिछले साल इस मामले में पूछताछ की थी. नवंबर 2020 में पटेल का निधन हो गया. ये पूरी कार्रवाई ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत की है. ED से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों की संपत्तियां ज़ब्त की गई हैं, उनके खातों में संदेसरा ने पैसे ट्रांसफर किए थे. इसीलिए जितना पैसा ट्रांसफर हुआ था, उतनी रकम की संपत्तियां फिलहाल ज़ब्त कर दी गई हैं. जांच जारी रहेगी. ED अब तक इस फ्रॉड केस में करीब 14 हज़ार 513 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त कर चुकी है. लेकिन ये केस है क्या? जून 2019 में ईडी ने दावा किया था कि संदेसरा भाइयों का फ्रॉड नीरव मोदी के फ्रॉड से भी बड़ा है. ईडी की जांच में पता चला कि स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (एसबीएल)/संदेसरा ग्रुप और इसके मुख्य प्रमोटरों- नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने भारतीय बैंकों के साथ लगभग 14,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया. जबकि नीरव मोदी पर पंजाब नैशनल बैंक से 11,400 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप है. स्टर्लिंग बायोटेक अब सवाल कि स्टर्लिंग बायोटेक क्या है? गुजरात के वडोदरा में एक दवाई बनाने वाली कंपनी है स्टर्लिंग बायोटेक. 1985 में यह कंपनी बनी थी. इसका काम है जिलेटिन का प्रॉडक्शन करना. जिलेटिन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दवाइयों के कैप्सूल बनाने में होता है. यह संदेसरा ग्रुप की बस एक कंपनी है. इसके अलावा तेल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजिनियरिंग में भी संदेसरा ग्रुप का काम है. OPEC देशों में तेल उत्पादन करने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी है. 2016 में आंध्रा बैंक के साथ कई सारे बैंकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (SBL) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत थी कि इन बैंकों से लिया गया करीब 5,383 करोड़ का लोन एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट) हो गया है. एनपीए मतलब ऐसा लोन, जो अब वापस नहीं आएगा. इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की. केस दर्ज किया गया. इसमें संदेसरा परिवार के चेतन संदेसरा, नितिन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा, राजभूषण संदेसरा, विलास जोशी के साथ CA हेमंत हाथी और आंध्रा बैंक के डायरेक्टर अनूप प्रकाश गर्ग के नाम शामिल थे. मामला मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए लेन-देन का भी था. ऐसे में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी अपनी जांच शुरू की. अब इसी जांच के सिलसिले में कार्रवाई की गई है.