पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री से मांग की थी कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगवाई जाए. साथ ही उन्होंने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और डिमांड पूरी करने के लिए विदेशी वैक्सीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की समय-सीमा के बारे में सरकार से सवाल भी किया था. अब सरकार की ओर से उनकी चिट्ठी का जवाब स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दे दिया है. हर्षवर्धन ने अपनी जवाबी चिट्ठी अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की है.
मनमोहन सिंह ने दिए थे कोरोना पर 5 सुझाव, डॉ. हर्षवर्धन कांग्रेस के ही दोष गिनाने लग गए?
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को कोरोना संकट को लेकर चिट्ठी लिखी थी.

मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को कोरोना संकट को लेकर चिट्ठी लिखी थी.
डॉ हर्षवर्धन ने अपनी जवाबी चिट्ठी में 89 साल के अर्थशास्त्री और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए लिखा है,
डाॅ हर्षवर्धन ने अपनी जवाबी चिट्ठी में यह भी कहा है कि '" ऐसा लगता है कि जिन लोगों ने आपकी चिट्ठी तैयार की, उन्होंने आपको पूरा जानकारी नहीं दी, कोरोना वैक्सीन के आयात को मंजूरी देने की जो मांग आपने 18 अप्रैल को की है, सरकार उसकी इजाजत 11 अप्रैल को ही दे चुकी है. इसके साथ ही वैक्सीन निर्माण में धन और अन्य रियायतों से संबंधित निर्णय भी पहले ही कर लिए गए हैं. सरकार वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई वैक्सीन निर्माताओं को फंडिंग भी कर रही है.'
आपने (मनमोहन सिंह ने) कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चिंता जताई है, लेकिन आपकी कांग्रेस पार्टी में टाॅप लेवल पर बैठे लोग ऐसा नहीं मानते हैं. अभी तक कांग्रेस के बड़े नेताओं ने, न हमारे वैज्ञानिकों और न ही दवा कंपनियों की तारीफ की है.'हर्षवर्धन ने अपने जिस ट्वीट में मनमोहन सिंह को लिखी गई अपनी जवाबी चिट्ठी जारी की है, उसकी शुरुआत में 2014 के मनमोहन सिंह के कहे शब्दों को ही उधार लेकर उनके उपर तंज कसा है. तब मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार के ऊपर लगे तमाम लांछनों के बीच कहा था,
आज के अपने ट्वीट में भी डॉ हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह के सुझावों पर तंज कसने के लिए उनके 7 साल पहले कहे गए इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,"इतिहास हमारे प्रति दयालु होगा (History will be kinder to me)"
'यदि आपके सकारात्मक और मूल्यवान सुझावों का पालन आपके पार्टीजन भी करें तो इतिहास आपके प्रति दयालु होगा...माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो लिखे आपके पत्र का जवाब यहां दिया गया है...'

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह
बताते चलें कि देश में कोरोना वायरस नए वैरिएंट की रफ्तार काफी तेज हो गई है. बीते 24 घंटों में ही पौने तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और यह आंकड़ा एक सप्ताह पहले के दैनिक आंकड़ों से लगभग डबल है. ऐसे हालात को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एक सप्ताह का कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि राजस्थान में 15 दिन के लाॅकडाउन की घोषणा की गई है. इसके अलावा वीकेंड कर्फ्यू/लाॅकडाउन तो पहले से ही देश के अधिकांश हिस्सों में लगाया जाता रहा है.
देश के विभिन्न हिस्सों से दवाओं, अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर की बड़े पैमाने पर कमी की खबरें भी लगातार आती रही हैं. कई स्थानों से तो शमशान में भी वेटिंग का मामला सामने आया. महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति न हो पाने के कारण कहीं-कहीं वैक्सीनेशन सेंटर को भी अस्थाई रूप से बंद करने की नौबत आ जा रही है. डाॅ मनमोहन सिंह ने भी प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में अपनी इन्हीं चिंताओं को जाहिर किया था, जिसका जवाब सोमवार 19 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की ओर से दिया गया है.