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दिल्ली विश्विद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में ABVP की जीत, NSUI को भी एक पद!

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ (DUSU) चुनाव में चार में से तीन प्रमुख पद - अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव - ABVP के पाले आ गए हैं. उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के कैंडिडेट के नाम हुआ. जनता ने इस नतीजे को लोकसभा से कैसे जोड़ लिया?

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यूनिवर्सिटी के चुनाव EVM के ज़रिए होते हैं. (फोटो - X)

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ (DUSU) चुनाव में सफलता मिली है. कुल चार में से तीन प्रमुख पद - अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव - ABVP के पाले आ गए हैं. उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के कैंडिडेट के नाम हुआ.

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पदनामपार्टीवोट
अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ABVP23,460 
उपाध्यक्ष अभि दहिया NSUI22,331
सचिव अपराजिताABVP24, 534
संयुक्त सचिवसचिन बैसलाABVP24,955

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विश्विद्यालय के चुनाव पर ट्वीट किया:

"दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में ABVP को मिली प्रचंड जीत पर परिषद् के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई.

यह जीत राष्ट्रहित को सर्वप्रथम मानने वाली विचारधारा में युवा पीढ़ी के विश्वास को दर्शाती है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि परिषद् के कार्यकर्ता युवाओं में स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और राष्ट्रवाद की भावना को जागृत रखने के लिए निरंतर संकल्पित भाव से कार्य करते रहेंगे."

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नए-नए अध्यक्ष बने ABVP उम्मीदवार तुषार डेढ़ा ने मीडिया से कहा कि उनका पहला काम दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए मेट्रो रियायती पास बनवाना है.

लोक सभा का क्या ऐंगल?

वैसे तो हर कॉलेज का अपना छात्र संघ होता है. सालाना चुनाव भी होते हैं. लेकिन DUSU अधिकांश कॉलेजों और संकायों का मुख्य प्रतिनिधि है. तीन साल बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के चुनाव हो रहे हैं. कोविड के चलते 2020 और 2021 में चुनाव नहीं हो सके थे. और, 2022 में अकादमिक कैलेंडर में फेरबदल की वजह से चुनाव नहीं हो सके. इसीलिए इस बार के चुनाव ख़ासी उत्सुकता दिखी.

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कुल 52 कॉलेजों और विभागों से लोगों ने वोट डाला. प्रचार-प्रसार तो जम कर हुआ, मगर बहुत लोग वोट डालने आए नहीं. चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी चंद्र शेखर ने मीडिया को बताया कि विश्वविद्यालय में 42 प्रतिशत मतदान हुआ. और, वोटर लिस्ट में लगभग 1 लाख छात्र मतदान करने के पात्र थे.

ABVP की जीत के बाद ट्विटर पर अलग-अलग थियरीज़ गढ़ी जा रही हैं. राजनीतिक और चुनाव न्यूज़ पोर्टल टाइम्स अल्जेबरा ने X पर पोस्ट किया कि जो पार्टी दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव जीतती है, वो अगले साल लोकसभा चुनाव जीतती है. साथ में उदाहरण भी गिनाए - कांग्रेस की NSUI ने 2003 और 2008 का चुनाव जीता था और ABVP ने 1997, 1998, 2013 और 2018 में. 

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