दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट से जुड़े 8 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं. आरोप है कि ये लोग अलग-अलग राज्यों में नवजात बच्चों की खरीद फरोख्त करते थे. पुलिस (Police) ने उनसे एक 10-15 दिन की बच्ची को भी बचाया है. गिरफ़्तार लोगों में पीयूष अग्रवाल, राजिन्दर और रमन की पहचान हो सकी है. जबकि महिलाओं में 2 दिल्ली (Delhi) की और 3 पंजाब (Punjab) से हैं.
दिल्ली पुलिस ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह के 8 लोगों को पकड़ा, दिल्ली से लेकर पंजाब तक फैला था नेटवर्क
Delhi Police ने Child Trafficking Racket का भंडाफोड़ किया है. पुलिस को एक फोन कॉल के ज़रिए जानकारी मिली थी.

मामले में रोहिणी के DCP गुरइक़बाल सिंह सिद्धू ने बताया कि 20 फ़रवरी को एक फोन कॉल के ज़रिए बेगमपुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में बच्चों के खरीद-बिक्री की ख़बर मिली. सिद्धू ने बताया,
"ख़बर मिलते ही तुरंत एक टीम गठित की गई. पुलिस बताए गए पते पर पहुंची. वहां एक घर में दो महिलाओं के पास से एक नवजात बच्ची मिली. जब हमने पूछताछ की, तो वो मां-पिता के बारे में नहीं बता पाए. जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उन्होंने खुलासा किया कि वो एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह चलाते हैं. ये गिरोह अलग-अलग राज्यों में नवजात बच्चों को खरीदता और बेचता है."
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पुलिस ने बताया कि बच्ची को पंजाब के मुक्तसर से 50 हज़ार रुपये में खरीदा बेचा गया था. वो लोग बच्ची के लिए किसी खरीददार का इंतेजार कर रहे थे. पुलिस ने दोनों महिलाओं के ख़िलाफ़ IPC और जुविनाइल जस्टिस एक्ट (JJA) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है. DCP ने बताया कि जब महिलाओं से सख़्ती से पूछा गया, तो उन्होंने गिरोह के बारे में बताया. गिरोह के दूसरे सदस्यों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई. टीम ने जांच के दौरान पंजाब में कई जगहों पर छापे मारे. मामले में 6 और लोगों को पकड़ा गया, जिनमें 3 महिलाएं भी थीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इनमें से एक महिला पर पहले भी मानव तस्करी के आरोप लगे हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में उसके ख़िलाफ़ केस दर्ज है.
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि महिला बच्ची को 10 से 15 लाख में बेचने वाले थे. महिलाओं ने 10 फ़रवरी के क़रीब एक और बच्चा बेचा था, जो लगभग इसी उम्र का था. बच्चों को लेने और बेचने वाले कौन थे, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है. इन लोगों में से ज़्यादातर लोग दिल्ली-एनसीआर में ही रहते हैं.
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