दिल्ली के मयूर विहार इलाके में जूते बनाने का काम करने वाले राम अवतार वर्मा को अपना नाम बदलने के लिए मजबूर किया गया. राम अपने नाम के आगे वर्मा लगाते हैं. वो दलित समुदाय से आते हैं. इसी के चलते इलाके के रहने वाले जी. एल. वर्मा ने उनसे अपने नाम के आगे वर्मा हटाने को कहा. राम ने डर कर दुकान के बोर्ड पर लिखे वर्मा को कागज से ढक दिया है. हालांकि, उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई है. जानते हैं क्या है पूरा मामला?
'जूते सिलते हो, अपने नाम से वर्मा हटाओ', दिल्ली में जूते बनाने वाले को धमकी दी
धमकी मिलने के बाद राम अवतार ने दुकान पर लिखे अपने नाम से वर्मा को एक कागज से ढक दिया.

राम अवतार वर्मा मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा भी हैं. वो और उनका पूरा परिवार अपने नाम के आगे वर्मा लगाते हैं. उनके आधार कार्ड समेत बाकी सभी सरकारी दस्तावेजों में उनका नाम राम अवतार वर्मा लिखा है. वो साल 1998, से मयूर विहार इलाके में सड़क किनारे चप्पल जूता सिलने का काम करते हैं. और इस काम से उनकी रोजी रोटी चलती है. बीमारियों के चलते उनका स्वास्थ्य सही नहीं रहता है. उनका दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है.
राम अवतार वर्मा ने अपनी दुकान के सामने लगे बोर्ड पर अपना नाम राम अवतार वर्मा और मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. ऐसा लगभग सभी दुकान वाले लिखकर रखते हैं, ताकि अगर वो दुकान पर नहीं है तो लोगों को उनसे संपर्क करने में परेशानी न हो. राम अवतार वर्मा ने बताया कि तीन महीने पहले इलाके में रहने वाले जी. एल. वर्मा नाम के शख्स ने उन्हें बोर्ड पर लिखे नाम के आगे से वर्मा हटाने के लिए कहा. साथ ही उन्हें जातिसूचक गालियां भी दी. जिसके बाद राम अवतार ने डर कर वर्मा के ऊपर पेपर चस्पा दिया. लेकिन कुछ दिनों पहले बारिश के चलते वो पेपर गिर गया और उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया. इसी दौरान जी. एल. वर्मा, राम अवतार की दुकान के सामने से फिर गुजरे. उसकी नजर उस बोर्ड पर गई. बोर्ड पर वर्मा लिखा देख उसने फिर राम अवतार पर गुस्सा किया और नाम हटाने की धमकी दी. जिसके बाद फिर राम अवतार ने नाम के आगे कागज चिपका दिया.
राम अवतार ने बताया है कि उन्होंने इस बात की शिकायत पुलिस में की है. लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं कथित आरोपी जी. एल. वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया है.
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