दिल्ली में भी यही सब हुआ. ऐसे में ये भी हो सकता था कि सरकार शराब की दुकानें फिर बंद करवा दे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि सरकार को पैसे की किल्लत हो रही है. उसे चाहिए रेवेन्यू. शराब से बढ़िया रेवेन्यू आता है. दुकानें अचानक बंद करने पर नुकसान है. ऐसे में सरकार दूसरे उपाय खोज रही है. भीड़-भड़क्के वाली स्थिति न आए, इसके लिए दिल्ली सरकार अब ई-टोकन व्यवस्था लेकर आई है. मतलब लोग ऑनलाइन टोकन ले लें, जिसमें टाइमिंग दी होगी. उस टाइम पर आकर लोग दुकान से शराब ले जाएं. इससे लाइन में लगने वाला झंझट नहीं होगा. सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रहेगी.
ये सिस्टम कैसे काम करेगा?
इसके लिए सरकार ने एक वेब लिंक जारी किया है: https://www.qtoken.in/
इस पर नाम, फोन नंबर जैसी जानकारी देनी होगी. इसके बाद आपके फोन पर ई-टोकन आ जाएगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस टोकन का स्क्रीनशॉट शेयर किया है.
हालांकि ये वेबसाइट शुरुआती स्टेज पर है तो इस लिंक पर कई लोचे आ रहे हैं. लॉन्च होने के बाद वेबसाइट क्रैश हो गई. इसके बाद कई लोगों को शिकायत है कि फ्रंट पेज खुलने के बाद नेक्स्ट स्टेप नहीं हो पा रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट लॉन्च होते ही इस पर आए भारी ट्रैफिक की वजह से ऐसा हुआ.

इस वेबसाइट का फ्रंट पेज खुलने के बाद कई लोग आगे के लिए अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. फोटो: qtoken.in
दिल्ली में अल्कोहल पर 70 फीसदी कोरोना स्पेशल फीस
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के बाद दिल्ली सरकार ने 4 मई से राजधानी में 200 दुकानें खोलने की इजाज़त दी थी. लेकिन भीड़ के चलते बहुत सी दुकानें बंद करनी पड़ीं. दुकानों में भी टोकन सिस्टम शुरू किया और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्शल भी तैनात किए. दिल्ली सरकार ने अल्कोहल पर 70 फीसदी 'स्पेशल कोरोना फीस' लगाई. दिल्ली में शराब की 864 दुकानें हैं, जिनमें 475 सरकार के अंडर हैं. बाकी 389 प्राइवेट हैं.
ज़ोमैटो चाहता है अल्कोहल की होम डिलीवरी
वहीं, लॉकडाउन में फूड डिलीवरी कंपनी ज़ोमैटो अल्कोहल की होम डिलीवरी करना चाहती है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शराब की बढ़ी मांग के बीच ज़ोमैटो के सीईओ ने कहा कि होम डिलीवरी से हम ज़िम्मेदारी भरे अल्कोहल के सेवन को प्रमोट कर सकते हैं. ज़ोमैटो का कहना है कि वो उन इलाकों में ऐसा करना चाहते हैं, जो संक्रमण से कम प्रभावित हैं. इस बारे में ज़ोमैटो ने अपना बिजनेस प्रपोज़ल इंटरनेशन स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) को भेजा है. ISWAI के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन अमृत किरण सिंह का भी कहना है कि राज्यों को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए अल्कोहल की होम डिलीवरी की इजाज़त देनी चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी 8 मई को कहा कि राज्य सरकारों को शराब की होम डिलिवरी पर विचार करना चाहिए. छत्तीसगढ़ और पंजाब सरकार ने शराब की होम डिलीवरी का फैसला भी लिया है.
इन राज्यों में शराब की होम डिलीवरी होगी? कैसे?