यूपी के फतेहपुर में एक दलित व्यक्ति को कथित तौर पर पीटने और अपमानित करने का मामला सामने आया है (UP Dalit Man Beaten). पीड़ित ने पुलिस में FIR दर्ज कराई है. इसके मुताबिक दलित व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसने ईसा मसीह की पूजा की थी, इसलिए पहले उसे पीटा गया. फिर सिर मुंडवाकर उसकी परेड कराई गई. हालांकि अब गांव के ही कुछ लोगों ने काउंटर FIR दर्ज कराई है. उन्होंने दलित व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि उसने गांव के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए ‘मजबूर’ किया था. फिलहाल मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
यूपी में दलित की पिटाई के बाद सिर मुंडवा कर परेड निकालने का आरोप, ईसा मसीह से जुड़ा है मामला
घटना फतेहपुर जिले के बहलोपुर अलाई गांव की है. शुक्रवार, 28 दिसंबर को शिवबदन नाम के व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कथित ऊंची जाति के लोगों ने उन पर और उनके परिवार के सदस्यों पर हमला किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना फतेहपुर जिले के बहलोपुर अलाई गांव की है. शुक्रवार, 28 दिसंबर को शिवबदन नाम के व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कथित ऊंची जाति के लोगों ने उन पर और उनके परिवार के सदस्यों पर हमला किया. शिवबदन ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने ईसा मसीह की पूजा शुरू की थी. उनका कहना है कि इससे गांव के ऊंची जाति के कुछ लोग उनसे नाराज थे और उन्हें सबक सिखाना चाहते थे.
पुलिस ने इस मामले में शिवबदन की शिकायत के आधार पर तीन नामजद व्यक्तियों - रोहित दीक्षित, लवलेश सिंह और सोमकरण के अलावा कई और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की. पुलिस ने बताया कि शिवबदन दो साल पुराने ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ (Anti-conversion laws) के मामले में जमानत पर बाहर आए थे.
एक्सप्रेस के मुताबिक शिवबदन ने बताया,
“26 दिसंबर को जब मैं रेलवे स्टेशन जाने के लिए गांव के चौराहे पर टैक्सी के लिए खड़ा था. तब मैंने देखा कि आरोपी मुझ पर फब्तियां कस रहे थे कि आस-पास के लोग मुझे सबक सिखाना चाहता है. इन आरोपियो में बजरंग दल के सदस्य भी शामिल थे. अगली सुबह जब मैं घर लौटा, तो रोहित दीक्षित, लवलेश सिंह और सोमकरण के साथ कुछ लोग मेरे घर आए और मुझ पर हमला कर दिया. उन्होंने मुझ पर, मेरी पत्नी और मेरे बच्चों पर हमला किया. इसके बाद हमलावर मुझे घसीटकर पास के एक मंदिर में ले गए. मेरा सिर मुंडवा दिया और फिर से मुझे पीटा.”
शिवबदन ने आगे बताया कि आरोपियों ने उन्हें पूरे गांव में घुमाया और दूसरे मंदिर में ले गए. वहां उन्होंने कथित तौर पर शिवबदन को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मजबूर किया.

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जवाबी ‘FIR’ में क्या कहा गया?रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद जवाबी FIR करते हुए अपनी शिकायत में रोहित दीक्षित ने आरोप लगाया कि 26 दिसंबर को वह गांव में अपनी दुकान पर थे. तभी शिवबदन अपने तीन साथियों- राम बहादुर, संतोष और शिवपाल पासवान और चार अज्ञात लोगों के साथ एक कार में आए. रोहित ने आरोप लगाया है कि शिवबदन ने उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा. इसके बदले मिशन अस्पताल में नौकरी दिलाने और प्रार्थना में शामिल होने वाले लोगों को पैसा दिलाने का वादा किया.
रिपोर्ट के मुताबिक रोहित दीक्षित ने FIR में कहा,
“जब मैंने इनकार किया और आपत्ति जताई तो आरोपियों ने मेरे साथ बदतमीजी की और धमकाने लगे. जाने से पहले उन्होंने मुझे चेतावनी दी कि वे मुझे झूठे मामले में फंसा देंगे.”
इसके बाद पुलिस ने रोहित दीक्षित की शिकायत के आधार पर शिवबदन, राम बहादुर, संतोष, शिवपाल पासवान और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. वहीं शिवबदन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने उनके खिलाफ झूठे आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया है. उन्होंने यह भी कहा कि अब वह ईसाई धर्म का पालन नहीं करते.
इस बीच VHP (विश्व हिंदू परिषद) के प्रांत उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने इस मामले को लेकर किसी भी बजरंग दल कार्यकर्ता के शामिल होने से इनकार किया और कहा कि यह मामला गांव के लोगों के बीच का है.
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