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छत्तीसगढ़ सरकार की 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' क्या है, जिसमें किसानों को 7,500 रु. मिलेंगे

सीएम भूपेश बघेल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सोनिया गांधी-राहुल भी जुड़े.

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को फायदा मिलने की बात कही गई है. मुख्यमंत्री आवास पर योजना की शुरुआत करने के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल. फोटो: Twitter/BhupeshBaghel
21 मई, 2020. राजीव गांधी की 29वीं पुण्यतिथि. इसी दिन गुरुवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने उनके नाम से एक योजना शुरू की. राजीव गांधी किसान न्याय योजना. न्याय (NYAY) यानी न्यूनतम आय योजना. राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी इसकी बात 2019 के लोकसभा चुनाव से करते रहे हैं. योजना की लॉन्चिंग के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. इस योजना के तहत कुल 5,700 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में दिए जाएंगे. चार किस्तों में. इसकी पहली किस्त में 1,500 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए हैं. कर्ज नहीं, सीधे रकम राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि आज किसानों को कर्ज की नहीं, बल्कि सीधे पैसों की ज़रूरत है. कांग्रेस की सरकार किसानों को सीधे मदद पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि न्याय योजना की सोच सही थी. सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव जी मानते थे कि किसान और खेती ही भारत के विकास की असली पूंजी हैं. उनकी भावना के हिसाब से ही काम हुआ है. ये योजना क्या है? ये एक डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना है. मतलब सरकार की तरफ से खातों में सीधे पैसे भेजना. इस योजना से छत्तीसगढ़ के 19 लाख किसानों को फायदा मिलने की बात कही गई है. इनमें 9 लाख, 53 हजार 706 सीमांत किसान, 5 लाख 60 हजार 285 छोटे किसान और 3 लाख 20 हजार 844 बड़े किसान हैं. धान की फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों के खाते में पहली किस्त के रूप में 1,500 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए हैं. हर किसान के खाते में 7,500 रुपए. चार किस्तों में कुल 5,700 करोड़ रुपए देने की बात कही गई है. योजना का उद्देश्य किसानों की उपज को बढ़ाना और फसल के लिए सही दाम दिलाना है. योजना के दूसरे चरण में भूमिहीन किसान शामिल किए जाएंगे. धान और मक्का के किसानों को 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ मिलेंगे छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' भी कहते हैं. नई फसल की बुआई की तैयारियों का समय आ रहा है. 2019 के खरीफ़ सीजन से सरकार धान और मक्के की खेती को बढ़ावा देने के लिए 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से पैसे किसानों में बांटेगी. 14 मई को छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने इस योजना का अप्रूव किया था. सीएम भूपेश बघेल ने कहा था,
हमारा नेतृत्व लोगों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की बात कहता रहा है. हमने पिछले साल इस कैश ट्रांसफर के अच्छे रिजल्ट देखे. इसलिए हमने किसानों की जेब में फिर पैसे पहुंचाने का फैसला किया. मुझे विश्वास है कि कोरोना महामारी के बाद ये योजना अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करेगी.
बीजेपी ने कहा- अन्याय योजना छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कहा,
जब नोबेल पुरस्कार विजेता महान अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से राहुल गांधी ने बातचीत की, तो उन्होंने भी कहा कि किसानों को सशक्त बनाने का एकमात्र रास्ता है कि उनके खाते में सीधे राशि पहुंचाना. आज हमने कर दिखाया है.
दूसरी ओर 'हिंदुस्तान टाइम्स' के मुताबिक, छत्तीसगढ़ बीजेपी ने योजना पर सवाल उठाते हुए कहा,
ये न्याय नहीं, अन्याय योजना है. किसानों को चार किस्तों में पैसे दिए जा रहे हैं, जिनका उनके लिए कोई फायदा नहीं है. उन्हें कहा गया था कि एक किस्त में पैसे दिए जाएंगे, लेकिन अब धोखा दिया गया है.
राहुल ने प्रवासी मज़दूरों के लिए 'न्याय' योजना की मांग की  राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'न्याय' योजना को खूब जोर-शोर से उठाया था. इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवार के लिए हर साल 72 हजार रुपए देने की बात थी. लेकिन इस योजना का असर चुनाव परिणामों पर नहीं पड़ा. पिछले दिनों प्रवासी मज़दूरों के लिए एक बार फिर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से न्याय योजना चलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए इसे लागू करके देखिए. मज़दूरों को पैसे की ज़रूरत है.
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