
अभिजीत सरकार की हत्या के बाद उनके परिवार से मिलने पहुंचे थे बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा. (फाइल फोटो- पीटीआई)
परिजनों ने पुलिस पर लगाए थे आरोप इससे पहले इस मामले की जांच के दौरान CBI की टीम ने अभिजीत सरकार के परिजनों से बात की थी. उन्होंने राज्य की पुलिस पर आरोप लगाया था कि वो उनका सहयोग नहीं कर रही. वहीं अभिजीत सरकार के शव का अंतिम संस्कार करने की मंजूरी भी चार महीने बाद दी गई. बीती 9 सितंबर को ही अभिजीत का अंतिम संस्कार किया गया था. इसे लेकर भी अभिजीत के परिवार ने आरोप लगाया था कि सबूत मिटाने के लिए शव को हटाने का प्रयास किया गया. बाद में शव की डीएनए जांच कर रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी गई थी.
हाई कोर्ट के निर्देश पर ही CBI चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच कर रही है. इनके संबंध में अभी तक तीन दर्जन से अधिर FIR दर्ज की जा चुकी हैं. वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने CBI जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है. इस याचिका पर अभी सुनवाई चल रही है. दोनों ही पक्षों से एफिडेविट दाखिल करने के लिए कहा गया है.

बीती 9 सितंबर को अभिजीत सरकार को अंतिम विदाई देते उनके भाई बिस्वजीत सरकार. (तस्वीर- पीटीआई)
अभिजीत सरकार कांकुड़गाछी में बीजेपी कार्यकर्ता थे. परिवार द्वारा पुलिस के ऊपर लगाए गए आरोपों के संबंध में CBI ने नारकेलडांगा पुलिस स्टेशन की उपनिरीक्षक रत्ना सरकार से भी पूछताछ की थी. उनका बयान भी दर्ज किया गया था.
इस मामले की CBI जांच के आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिए थे. बीजेपी नेता प्रियंका टिबरेवाल ने इस बाबत कोर्ट में याचिका डाली थी. टिबरेवाल भवानीपुर सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार हैं. इसी सीट से बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी भी चुनाव लड़ रही हैं.