रात में हुई CVC की बैठक और फिर आया अब तक का सबसे बड़ा फैसला

बैठक में सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर केवी चौधरी के अलावा विजिलेंस कमिश्नर तेजेंद्र मोहन भसीन और विजिलेंस कमिश्नर शरद कुमार भी थे.
CBI में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए सबसे पहले आगे आया केंद्रीय सतर्कता आयुक्त. 23 अक्टूबर की शाम को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की बैठक हुई, जिसमें सीवीसी के सभी बड़े अधिकारी शामिल हुए. सीवीसी अधिकारियों ने आपस में बातचीत कर ये तय किया कि अब सीबीआई के नंबर एक आलोक वर्मा और नंबर दो राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया जाए. इन दोनों के CBI से दूर रहने के बाद भी ठीक ढंग से जांच हो पाएगी. जब सीवीसी ने ये फैसला ले लिया, तो 23 अक्टूबर की शाम सात बजे इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दी गई. केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी और फिर रात के साढ़े बारह बजे दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया. देर रात दो बजे कार्मिक मंत्रालय की ओर से आदेश जारी करके CBI के जॉइंट डायरेक्टर रहे एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बना दिया गया.
चार्ज लेते ही ऐक्शन में आए एम नागेश्वर राव

चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने ताबड़तोड़ छापेमारी की और अधिकारियों के तबादले किए.
जैसे ही एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया, वो ऐक्शन में आ गए. 23 अक्टूबर की देर रात 1 बजे नागेश्वर राव CBI के हेडक्वॉर्टर पहुंचे और वहां का 11वां फ्लोर सील कर दिया. इसके बाद नागेश्वर राव CBI चीफ आलोक वर्मा के दफ्तर में 10वें फ्लोर पर पहुंचे और वहां मौजूद सभी दफ्तरों की चाबी अपने पास रख ली. हालांकि 24 अक्टूबर की दोपहर में दोनों फ्लोर की सील खोल दी गई.
केस से जुड़े बड़े-बड़े लोगों का हुआ ट्रांसफर, जांच के लिए बनी नई टीम

24 अक्टूबर को CBI के 13 अधिकारियों का तबादला किया गया है.
एम नागेश्वर राव ने चार्ज लेने के साथ ही इस केस की जांच कर रहे सभी अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. नागेश्वर राव ने 24 अक्टूबर की सुबह ही CBI के DSP एके बस्सी का ट्रांसफर करके पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया है. CBI के अडिशनल SP एसएस गुम को जबलपुर भेज दिया गया है. CBI के DIG मनीष कुमार सिन्हा, DIG तरुण गौबा, DIG जसबीर सिंह, DIG अनीस प्रसाद, DIG केआर चौरसिया, HoB राम गोपाल और SP सतीश डागर का भी तबादला किया गया है. सीबीआई के JD(P) अरुण कुमार शर्मा, ए. साई मनोहर, HoZ वी. मुरुगेशन और DIG अमित कुमार का भी ट्रांसफर किया गया है और उन्हें नई पोस्टिंग दी गई है. ये सभी वो अधिकारी हैं, जो राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे थे. इसके बाद एम नागेश्वर राव ने राकेश अस्थाना मामले की जांच के लिए एक नई टीम बनाई है, जिसमें CBI के DIG तरुण गौबा, SP सतीश डागर और जॉइंट डायरेक्टर वी मुरूगुशन करेंगे.
छुट्टी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आलोक वर्मा

आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया तो इसके खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट चले गए.
आलोक वर्मा CBI के मुखिया थे. सीवीसी की सिफारिश पर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा गया है. इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है और अब इस मामले में 26 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है. वहीं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी आलोक वर्मा का समर्थन किया है और कहा है कि सीवीसी इस तरह से आलोक वर्मा को छुट्टी पर नहीं भेज सकती है, इसलिए वो भी सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे.
जेटली बोले- सरकार नहीं, CVC के पास है जांच का अधिकार

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस मामले की जांच सीवीसी की ओर से बनाई गई SIT कर रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 24 अक्टूबर को कहा कि सीबीआई की जांच का अधिकार केंद्र सरकार के पास नहीं है. केंद्र सरकार सिर्फ सुपरवीजन कर सकती है. इस मामले की जांच सीवीसी के पास है. सीवीसी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी है और जबतक जांच पूरी नहीं होती है, दोनों अधिकारी छुट्टी पर ही रहेंगे.
क्या CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने ली है 2 करोड़ की घूस?