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बिहार के शराबी चखने से पहले इन 5 बातों का ख्याल रखें, तीसरी तो बहुत जरूरी है

अब पुलिस स्टोर में रखी शराब चूहे नहीं पी पाएंगे?

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बिहार में शराबबंदी का नया बिल पारित होने पर नीतीश कुमार ने जो कहा वो सुनना चाहिए (फोटो सोर्स- आज तक)
बिहार विधानसभा (Bihar) में बुधवार 30 मार्च को बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2022 (Liquor Prohibition Amendment Bill 2022) पारित हो गया है. कठिन बात को आसान भाषा में समझें तो शराब पीने रखने पर सजा क्या होगी, ये बताने वाला कानून आ गया है. बस राज्यपाल की संस्तुति बाकी है. इस विधेयक में शराब के सेवन के लिए सजा के कुछ नए प्रावधान किए गए हैं. ख़ास बातें दो हैं. एक कि नया क़ानून आ जाने के बाद शराब के शौकीनों के लिए सजा तय करने का अधिकार अब बिहार की सरकार के पास होगा. और दूसरा कि शराब के सेवन से जुड़े मामले बढ़ने के कारण कोर्ट और जेलों का दबाव कम करने के लिए सरकार ने नए शराबियों के साथ थोड़ी ढिलाई बरतने के संकेत भी दिए हैं. हालांकि नए क़ानून के बाद कितनी छूट है और कितनी सख्ती, ये समझने के लिए बिहार में शराब के शौक़ीन लोग नए क़ानून की ये पांच बातें जान लें.
1 - नए क़ानून के तहत धारा-35 के मामलों को छोड़कर अन्य सभी दंडनीय मामलों की सुनवाई सरकार के स्पेशल कोर्ट में होगी. 2 - शराब सेवन से जुड़े सभी मामलों में फिलवक्त जेल में बंद सभी अपराधी धारा-37 के तहत सजा की तय अवधि पूरी होने के बाद छोड़ दिए जाएंगे. 3 - नए क़ानून में पहली बार शराब का सेवन करते हुए पकड़े जाने पर सीधे जेल नहीं भेजा जाएगा. नियुक्त किए गए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के यहां जुर्माना भरना होगा. अगर जुर्माना नहीं दिया तो एक महीने के लिए जेल जाना पड़ सकता है. 4 - बार-बार शराब के नशे में धुत पाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी. जेल और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ सकता है. ऐसे सभी तेजी से निस्तारित हों इसलिए नए क़ानून में सुनवाई पूरी करने के लिए अधिकतम एक साल का वक़्त होगा. 5 - शराबबंदी कानून संशोधन बिल 2022 पास होने के बाद बिहार सरकार शराब की जब्ती, तलाशी और शराब नष्ट करने के निर्देश जारी करेगी. अवैध शराब पकड़ी जाती है तो अब पुलिस को उसे स्टोर करने की जरूरत नहीं होगी. पुलिस को शराब का सैम्पल रखने के बाद शराब को नष्ट करने का अधिकार होगा. और इसके लिए कोर्ट की परमीशन लेने की जरूरत नहीं होगी.
मतलब छापेमारी होगी. शराब की बोतलों पर रोड रोलर या फरसा-फावड़ा चलने के वीडियो फ़ोटो आ सकते हैं. मतलब ऐसा भी होगा कि अब 1 हजार लीटर शराब चूहे पी गए, वैसा होना मुश्किल है. ;) बता दें कि बिहार में शराबबंदी पर नया क़ानून बनाने की कवायद बीते साल यानी 2021 के अंत से जारी थी. अब ये बिल पारित हो गया है. बिल पेश करते वक़्त बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने ये भी कहा कि ऐसे मामलों में संलिप्त सरकारी कर्मचारी और पुलिस के लोग बख्शे नहीं जाएंगे. ये भी बताया कि इन सब केसों में एक्साइज और पुलिस विभाग के 2 हजार 230 लोगों को बर्खास्त भी किया जा चुका है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि नया क़ानून आंखों में धूल झोंकने वाला है. बिहार के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा बोले कि शराब माफिया प्रशासन के लोगों की मिलीभगत से शराब लाकर बेच रहे हैं. जब तक ये मिले रहेंगे तब तक शराब बंदी क़ानून का कोई फायदा नहीं है. अजीत शर्मा ने ये आशंका भी जताई कि दुश्मनी के चलते शराब के सेवन के झूटे आरोप भी लगाए जा सकते हैं. नया क़ानून आने से क्या बदलेगा, सामाजिक सुधार लाने की कवायद में दी जा रही छूट का क्या असर होता है. ये देखने वाली बात होगी. लेकिन इतना नियम कानून जानने के बाद अगर किसी बिहारी का रसरंजन का मन कर ही जाए, तो CM नीतीश कुमार का ये बयान पढिए -
'जो राष्ट्रपिता, बापू की भावना को नहीं मानता है वो हिंदुस्तानी नहीं है, भारतीय तो है ही नहीं. और वो काबिल तो है ही नहीं, वो महा-अयोग्य है, महापापी है. दारू का कितना बुरा असर होता है ये समझना चाहिए. शराबबंदी से सब्जी की बिक्री बढ़ गई है. सब्जी का उत्पादन बढ़ गया है. लोग शराब पीने में पैसा न बर्बाद करें तो कितना अच्छा होगा महिलाओं से पूछिए.'
इति

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