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बिहार: छपरा में जहरीली शराब से 12 की मौत, 15 ने गंवाई आंखों की रोशनी, 94 लोग हिरासत में

कई लोगों की हालत गंभीर है. पिछले साल नवंबर से बिहार में जहरीली शराब के कारण 90 लोगों की मौत हो चुकी है.

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मृतकों के परिजन (फोटो- आजतक)

बिहार (Bihar) में जहरीली शराब पीने से पिछले तीन दिनों में 12 लोगों की मौत की बात कही जा रही है. मामला छपरा जिले के मकेर का है. जहरीली शराब पीने के कारण अब भी करीब 35 लोगों की हालत गंभीर है. उन्हें छपरा और पटना के अस्पतालों में भर्ती किया गया है. अस्पताल में भर्ती लोगों ने उल्टी, पेट दर्द और आंख में जलन की शिकायत की थी. बिहार में पिछले 6 सालों से शराब पूरी तरह से बैन है. इसके बावजूद लगातार इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं.

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94 लोग हिरासत में लिए गए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन अगस्त की रात मकेर के नोनिया टोला गांव के लोगों ने पूजा के दौरान देसी शराब पी थी. इसके बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. 18-20 लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पटना के PMCH अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं कुछ लोगों को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया. छपरा के डीएम राजेश मीणा ने इन मौतों की पुष्टि की है.

आजतक से जुड़े आलोक जायसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ितों ने कैमरे पर स्वीकार किया कि उन्होंने शराब पी थी. पीड़ितों के परिवार वालों ने भी कहा कि गांव में कई जगह शराब मिलती है. जहरीली शराब पीने के कारण पटना के अस्पताल में भर्ती उपेंद्र महतो की पत्नी ने बताया, 

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“मेरे परिवार में तीन लोगों की शराब पीने से मौत हुई है. मेरे पति ने भी जहरीली शराब पी थी. मैं भी पति को पटना लेकर आई हूं, उनकी हालत काफी खराब है. सिर्फ नब्ज चल रहा है. कुछ बोल नहीं रहे हैं. सरकार से हम कहेंगे कि इस जहरीली शराब को बंद कराए.”

खबर के मुताबिक करीब 15 लोगों की आखों की रोशनी भी चली गई है. 12 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने मकेर थाने के SHO और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है. पुलिस ने शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 94 लोगों को हिरासत में लिया है.

बिहार में 9 महीने में 90 लोगों की मौत

इस मामले में पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया, 

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"सभी पार्टी के नेता इस शराबबंदी में खूब कमा रहे है. उनके आदमी एक बार में 50 लाख रुपये कमा ले रहे हैं. जो पकड़ा जाता है उनको जमानत पर छुड़वा लेते हैं. शराब सबसे ज्यादा हाजीपुर में स्टॉक होता है. कोई मरेगा तो ये नेता उसकी सुध तक नहीं लेने जाते हैं."

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल नवंबर से ये बिहार में शराब से मौत की छठी बड़ी घटना है. जहरीली शराब पीने से गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, नवादा, नालंदा और छपरा जिलों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है. इस साल होली के मौके पर कई जिलों से ऐसे मामले सामने आए थे. भागलपुर, बांका, मधेपुरा जिलों में कम से कम 32 लोगों की मौत हुई थी.

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