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बिहार में बना दुनिया का सबसे 'हैरतअंगेज' पुल, ना आगा है ना पीछा, बस बीच का बना के छोड़ दिया

एक किसान के खेत में पुल बना दिया गया है. किस योजना के तहत, इसका पूरी तरह पता नहीं. चर्चा है कि ग्रामीण कार्य विभाग योजना के तहत इसे बनाया गया है. इसकी लागत 3 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा बताई जा रही है.

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बताया जा रहा है कि इस पुल को बनाने में करीब 3 करोड़ से ज्यादा रुपये की राशि लगी है. (फ़ोटो/आजतक)

पिछले एक-दो महीनों में बिहार की एक चीज़ की काफ़ी चर्चा हो रही है. गिरते, ढहते, बहते पुल. इतने सारे पुल पता नहीं कहां गायब हो गए. लेकिन अब एक पुल दिखा है. दुनिया का सबसे हैरतअंगेज पुल. ऐसा पुल जिसे खेत के बीच बनाया गया है. लेकिन उसके दोनों ओर कोई रास्ता ही नहीं है. ना उतरने का, ना चढ़ने का. यूं भी कह सकते हैं कि ना आगा ना पीछा, बस बीच का बना कर छोड़ दिया है.

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गांव के लोगों का कहना है कि जब पुल बनना शुरू हुआ था, तब वो सभी लोग खुश थे. लेकिन इसे ऐसे बनाया गया है कि यह किसी काम का ही नहीं है. जिस व्यक्ति के खेत में यह पुल बनाया गया है, उसे कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया है. बताया जा रहा है कि इस पुल को बनाने में करीब ‘3 करोड़ रुपये’ से ज्यादा रुपये की राशि लगी है. आप पहले पुल का वीडियो देखिए.

आजतक से जुड़े अमरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला है बिहार के अररिया जिले के रानीगंज ब्लॉक स्थित परमानंदपुर गांव का है. यहां एक किसान के खेत के अंदर 6 महीने पहले पुल बना दिया गया है. यह पुल किस योजना के तहत बना है ये पूरी तरह साफ नहीं है. इसका बोर्ड भी पुल के पास नहीं लगाया गया है.

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हालांकि बताया जा रहा है कि यह पुल ग्रामीण कार्य विभाग योजना के तहत बनाया गया है. इसकी लागत 3 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा बताई जा रही है. इसमें 3 किलोमीटर का रोड और पुल बनना था. लेकिन यहां सिर्फ आधा पुल बनाया गया. जिसके आगे-पीछे कुछ नहीं बनाया गया.

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इस मामले में अररिया के DM इनायत खान ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. इस संबंध में कार्यपालक से रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही SDO,CO सहित संबंधित लोगों से पुल वाली जगह और क्षेत्र भ्रमण के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा,

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"पुल का काम ठीक से किया गया या नहीं, उचित सावधानियां बरती गई या नहीं. सभी चीज़ों को लेकर जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना सहित पुल और सड़क किस तरह से काम में आ सके. पूरे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है."

आजतक से बात करते हुए परमानंदपुर गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि पुल बड़ा बनना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. वो सभी लोग पुल के निर्माण से खुश थे, लेकिन ना तो पुल पूरा बना और ना ही कोई सड़क बनाई गई. यह बीच खेत में है, इसका कोई यूज नहीं है. जिसके खेत में बना है, उसको मुआवज़ा भी नहीं दिया गया है.

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