सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा, 'बीसीसीआई लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें बिना किसी शर्त के मानेगी. या फिर कोर्ट को इसके लिए ऑर्डर पास करने की जरूरत है? बीसीसीआई शुक्रवार तक सभी सिफारिशों को मानने का हलफनामा दे. नहीं तो हम आदेश जारी करेंगे.'इस केस में कोर्ट की तरफ से पूरी जांच-पड़ताल कर रहे एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'इस केस में बीसीसीआई के टॉप एडमिनिस्ट्रेशन पर बैठे लोगों को हटा दिया जाए.' सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सिफारिश पर तथास्तु मूड में आते हुए गोपाल सुब्रमण्यम से कहा, 'नए एडमिनिस्ट्रेटर खोजे जाएं, ताकि पुराने वाले हटाए जाएं तो विकल्प रहें.' बता दें कि लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई पर सिफारिशें लागू न करने का आरोप लगाया है. केस चल रहा है सुप्रीम कोर्ट में. बीसीसीआई के डर से कान खड़े हो रखे हैं. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई की तरफ से केस लड़ने कपिल सिब्बल खड़े हो रखे हैं. कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जवाब दाखिल किया. इस दाखिलनामे की टेक्निकल चीजों पर बाद में आएंगे. पहले कबिल सिब्बल और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर की सुनवाई के दौरान हुई बतकही पर आते हैं. जस्टिस टीएस ठाकुर: क्या एडमिनिस्ट्रेटर्स के पास कोई स्पेशल स्किल हैं? कपिल सिब्बल: हां हैं न. अनुराग ठाकुर क्रिकेटर है. जस्टिस टीएस ठाकुर: यहां हर कोई क्रिकेटर हैं. मैं भी सुप्रीम कोर्ट के जजों की क्रिकेट टीम का कप्तान हूं. क्या अनुराग ठाकुर एक सीरियस क्रिकेटर हैं या वो सीरियस 'प्लेयर' हैं?

यहां पहले कपिल सिब्बल के जवाब को क्लीयर कर देते हैं. दरअसल किसी भी क्रिकेट एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बनने के लिए एक क्रिकेट मैच खेलना जरूरी होता है. बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बनने से पहले अनुराग ठाकुर ने एक मैच खेला था. अनुराग इस मैच में सीधा कप्तान बनकर उतरे थे.दरअसल लोढ़ा कमेटी ने जो सिफारिशें की हैं, बीसीसीआई उसको मानने के लिए तैयार नहीं है. बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'लोढ़ा कमेटी की ज्यादातर सिफारिशों को वोटिंग सिस्टम के जरिए रिजेक्ट किया गया. लोढ़ा कमेटी से जो मेल्स आई हैं, उनकी एक डिटेल्ड मेल सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई है.' बीसीसीआई का कहना है कि अगर लोढ़ा बोर्ड की सारी सिफारिशें मान ली गईं, तो सब चौपट हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बीसीसीआई को कथनी से नहीं, करनी से कोर्ट का सम्मान करना चाहिए. बीसीसीआई को बड़ी पेमेंट के लिए परमिशन लेनी होगी. आप एक रात में 400 करोड़ का फंड यूं ही नहीं ट्रांसफर कर सकते हैं. अगर ऐसा करना है तो पहले लोढ़ा कमेटी की इजाजत लीजिए.' हरभजन सिंह कोर्ट से बाहर ANI वालों के समक्ष उतर पड़े. बोले, 'IPL कोई तमाशा नहीं है लोढ़ा सर. IPL में यंग क्रिकेटर्स को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलता है. क्रिकेट में लोगों का फेवरेट है IPL.' तारीखों के हिसाब से पूरा लफड़ा समझाओ 14 अप्रैल 2015: एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बीसीसीआई को लोढ़ा कमेटी ने एक खत लिखा. खत का मेन सवाल ये था कि इंडिया में क्रिकेट कैसे चलता है? 4 जनवरी 2016: लोढ़ा कमेटी ने महीनों तक बीसीसीआई में सुधारों को लेकर खोजबीन की. अपनी सिफारिशें तैयार कीं और कोर्ट में जमा करवा दीं. 7 जनवरी 2016: अनुराग ठाकुर जब बीसीसीआई के सेक्रेटरी थे. अनुराग ने राज्य क्रिकेट एसोसिएशन वालों को खत लिखकर लोढ़ा कमेटी पर रिपोर्ट मांगी. 4 फरवरी 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा- अब रिपोर्ट पूरी पढ़ ली हो, तो जरा इसपे अपनी राय तो दो. 3 मार्च की डेडलाइन फिक्स की गई. बीसीसीआई के ढीले रवैये को लेकर खिचाई हुई सो अलग. 13 अप्रैल 2016: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा- क्या कानून बनाकर इंडिया में क्रिकेट चलाया जा सकता है? 2 मई 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन वालों को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मानने के लिए कहा. 18 जुलाई 2016: सुप्रीम कोर्ट लोढ़ा कमेटी की करीब सभी सिफारिशें मानीं. मंत्रियों, ब्यूरोक्रेट्स और 70 साल की उम्र पार कर चुके लोगों को बीसीसीआई में अधिकारी बनने पर रोक लगाई. 28 सितंबर 2016: लोढ़ा पैनल ने कहा- अनुराग ठाकुर समेत टॉप अधिकारियों को हटाया जाए. क्योंकि बीसीसीआई सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान नहीं रही है.
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