'पिछड़ी जाति से होने के बाद भी हम खेल में अच्छा कर रहे हैं. जिसकी वजह से कुछ गांव वाले चाहते हैं कि मैं नहीं खेलूं. मैं यादव जाति से हूं और वो लोग भूमिहार. उनका कहना है, अगर पिछड़ी जाति की लड़कियां खेलेंगी फिर ऊंची जाति की लड़कियां क्या करेंगी.'
ये स्टेटमेंट पढ़ने के बाद दो मिनट रुकने का मन करता है. सोचना शुरू करती हूं तो दिमाग फटने लगता है. परेशानी होती है कि आखिर क्यों किसी को उसकी जाति के लिए ये सब सहन करना पड़ता है. मामला कहीं और का नहीं. बिहार की राजधानी पटना के पास का है. बाढ़ ब्लॉक के पंडारक गांव की इस खिलाड़ी को रेप की धमकी सिर्फ इसलिए मिली है कि वो जीती है. जाति सिस्टम में जकड़े कुछ लोगों को ये नहीं पच पा रहा है कि कोई लड़की, वो भी तथाकथित नीची जाति की, उनकी लड़कियों को हरा सकती है.