पत्रकार दीपक चौरसिया के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया है. मामला है 2013 का. एक न्यूज़ चैनल पर एक फर्जी खबर चलाने का केस है. और इसी केस गुरुग्राम की स्पेशल कोर्ट ने 28 अक्टूबर को ये आदेश जारी किया है. जानकारी अब आई है सामने.
पत्रकार दीपक चौरसिया के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो गया है, जानिए केस क्या है?
किस वीडियो से जुड़ा हुआ है केस?
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2013 में तीन न्यूज़ चैनलों ने एक रिपोर्ट दिखाई थी. रिपोर्ट बलात्कारी आसाराम बापू के यौन शोषण केस से जुड़ी हुई थी. जब ये रिपोर्ट सामने आई तो आरोप लगे कि एक 10 साल की लड़की और उसके परिवार के लोगों के एक वीडियो को एडिट करके टीवी पर चलाया गया है. और उसे केस से जोड़कर दिखाया गया. आरोप ये भी लगे कि वीडियो में पीड़ित लड़की और अन्य महिलाओं के चेहरे भी नज़र आ रहे थे.
खबरों के मुताबिक 15 दिसंबर, 2013 लड़की के परिवार ने तीनों न्यूज़ चैनल के खिलाफ वीडियो के आधार पर केस दर्ज कराया. इस मामले में 2020 और 2021 में कोर्ट ने 8 लोगों को चार्जशीट में आरोपी बनाया. इनमें कुछ और पत्रकारों, एंकरों और प्रोड्यूसरों के साथ दीपक चौरसिया को भी आरोपी बनाया गया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक चौरसिया ने कोर्ट में पेश होने में असमर्थता जताई थी. चौरसिया ने कहा था कि उनकी तबीयत खराब है. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में पेश होने से छूट देने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट में उनकी मेडिकल रिपोर्ट इस बात को पुख्ता नहीं कर पाई. इस पर कोर्ट ने माना कि वो जानबूझ कर अदालत में पेश होने से बचना चाह रहे हैं. और इसी बिना पर कोर्ट ने उनकी पेशी से बचने की याचिका को खारिज करते हुए उनकी बेल भी रद्द कर दी.
कोर्ट ने चौरसिया का बेल बॉन्ड रद्द कर दिया और 21 नवंबर, 2022 तक उनकी गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया. इस मामले की अगली सुनवाई भी 21 नवंबर को ही होनी है. इस मामले में अबतक मीडिया में दीपक चौरसिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
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