
सुष्मिता सिन्हा नाम की ये ट्विटर प्रोफाइल जिनकी है, वो खुद को जर्नलिस्ट बताती है. 'फ्री थिंकर' कहती है. इसने हरितालिका तीज को लेकर एक वीडियो अपलोड किया था. वीडियो में उसने इस व्रत में पढ़ी जाने वाली कथा से एक पन्ना पढ़कर सुनाया. इसमें कही गई बातों को सुष्मिता ने स्त्री-विरोधी कहा.
वीडियो के अंत में सुष्मिता ने ये भी कहा कि ये किताब खरीद कर उनके 15 रुपए बर्बाद हो गए. अब ये किताब उसके किसी काम की नहीं. तो वो इसे टिशू पेपर की तरह इस्तेमाल करेगी. ट्विटर पर आप वीडियो यहां देख सकते हैं.

वीडियो 20 अगस्त को सबसे पहले यूट्यूब पर डाला गया था. आप
. उसके बाद अब ट्विटर पर घूमना शुरू हुआ है. इसके बाद से ही सुष्मिता पर आरोप लग रहे हैं कि उसने हिंदू धर्म को मानने वालों की भावनाएं आहत की हैं. इस वजह से उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
जवाब में सुष्मिता ने एक वीडियो डाला है. इसमें कहा,
“मैंने तीज पर पढ़ी जाने वाली किताब का एक हिस्सा पढ़ दिया. इससे लोग कह रहे हैं कि उनके सेंटिमेंट हर्ट हो गए. लेकिन क्या जो उस किताब में लिखा है, उससे महिलाओं के सेंटीमेंट हर्ट नहीं होते? जब से मैंने ये वीडियो अपलोड किया है, तब से मुझे रेप थ्रेट्स दिए जा रहे हैं, एसिड अटैक करने की धमकी दी जा रही है. मेरा घर जलाने की बात कही जा रही है. ये लोग जो ये बातें कर रहे हैं, क्या इन्हें अरेस्ट नहीं किया जाना चाहिए? क्या कोई कानून नहीं है कि इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो?”ये वीडियो अब डिलीट कर दिया गया है उसके पेज से. लेकिन स्क्रीन शॉट आप यहां देख सकते हैं.

हरितालिका तीज क्या है?
भादो महीने की शुक्ल तृतीया को ये व्रत किया जाता है. उत्तर प्रदेश और बिहार में इस त्योहार की अच्छी-खासी लोकप्रियता है. महिलाएं ये व्रत करती हैं. व्रत में पूरे दिन अन्न न खाकर शाम को शिव-पार्वती की पूजा की जाती है इसी व्रत की पूजा में हरितालिका व्रत की जो कथा पढ़ी जाती है, उसके लिए ये किताब आती है, जो वीडियो में सुष्मिता ने दिखाई.
लोग किस बात पर नाराज़ हैं?
BJP के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करके कहा,
“एक महिला हिंदू शास्त्रों को “Toilet-Paper” के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है ..क्या मुझे कोई बता सकता है ये महिला कौन है ..”
किसी भी बात से असहमत होना, उसका विरोध करना आपका अधिकार है. पर दूसरे की भावना को आहत करने का अधिकार आपको किसने दिया? मेरी मां अब अस्वस्थ रहती हैं और वो अब व्रत नहीं करतीं. कई घरों में नहीं होता. आप पर कोई जबरदस्ती नहीं है. आप भी न करें.
कानून क्या कहता है?
IPC की धारा 295 A के अनुसार,
जो भी व्यक्ति जान-बूझकर गलत इरादों के साथ भारत के किसी नागरिक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करता है, लिखित अथवा मौखिक शब्दों के ज़रिए, उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है. इस धारा के तहत कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है, अगर उसे लगता है कि उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक़, सुष्मिता के खिलाफ हरियाणा में क्रिमिनल कम्प्लेंट दर्ज करा दी गई है.
वीडियो : धार्मिक सर्टिफाइड खाना क्या होता है, जिसके लिए मोदी सरकार को चिट्ठी लिखी गई है