केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, देश या समूह से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने 18 नवंबर को कहा कि आतंकवाद की तुलना में आतंकवाद के लिए फंडिंग करना अधिक खतरनाक है. लेकिन इसके खतरे को किसी धर्म या समूह से जोड़ा नहीं जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए.
आतंकवाद और धर्म पर अमित शाह ने दिया बड़ा बयान, बहुत जरूरी बात कही है
शाह ने कहा कि ये सुनिश्चित करना होगा कि वो लोग अपने मंसूबों में कामयाब ना हो पाएं.

उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं. इसके साथ-साथ आतंकवादी कट्टरपंथी सामग्री फैलाने और अपनी पहचान छिपाने के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने कहा,
'इसमें कोई शक नहीं है कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है. लेकिन मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि आतंकवाद के 'साधन और तरीके' इसी तरह के फंडिंग से पोषित होते हैं.'
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 'काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग' पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने ये टिप्पणी की. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद के लिए फंडिंग करने से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है.
अमित शाह ने ये भी कहा,
'हम ये भी मानते हैं कि आतंकवाद के खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही इसे जोड़ा जाना चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा,
'आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है.'
इस दौरान गृह मंत्री ने अमित शाह ने पाकिस्तान पर भी हमला किया और कहा कि कुछ ऐसे भी देश हैं जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे द्वारा किए गए कार्यों को निष्फल करने की कोशिश करते रहते हैं. उन्होंने कहा,
'हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों को संरक्षण और आश्रय देते हैं. एक आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है.'
अमित शाह ने कहा कि यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी होगी कि हम लोग ये सुनिश्चित करें कि ऐसे लोग अपने मंसूबों में कभी कामयाब न हो पाएं.
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