उत्तर कोरिया. किम जोंग उन वाला नॉर्थ कोरिया. वही उत्तर कोरिया जो रह-रहकर अमेरिका समेत पूरी दुनिया को अर्दब देता रहता है. ट्रंप कहते हैं 'क़ायदे में रहोगे तो फ़ायदे में रहोगे'. किम जोंग जवाब देते हैं 'माह लाइफ़ माह रूल्स ब्रो'.
उत्तर कोरिया में हुए चुनावों में किम जोंग उन फिर जीत गए, पर .02 प्रतिशत वोटों का ज़रूर मलाल करेंगे
खुद किम जोंग ने भी वोट डाला, सोचिए!

नॉर्थ कोरिया में इलेक्शन हुए हैं. हर चार साल में होते हैं. लोगों को पता नहीं चलता. दुनिया समझती है कि हमेशा अपनी बाईं जेब में परमाणु बम लेकर चलने वाले किम जोंग के यहां इलेक्शन होते ही नहीं. लेकिन ऐसा है नहीं. चुनाव होता है, हर चार साल में एक बार. इस बार फिर हुआ.
# ख़ास क्या है
एक तो सबसे ख़ास बात ये है कि चुनाव हुए हैं. जो कि हर बार होते ही हैं. लेकिन सबसे ख़ास बात ये है कि उत्तर कोरिया में हुए इस चुनाव में 99.98 पर्सेंट वोटिंग हुई. 100 पर्सेंट वोटिंग से महज़ .02 पर्सेंट दूर रह गया ये देश. और इस बार वोटिंग पर्सेंटेज पहले से सुधरा है. पहले कितना था? जानकर हैरानी होगी कि पिछली बार चुनाव में उत्तर कोरिया ने 99.97 पर्सेंट वोट डाले थे. इसका मतलब है कि .01 पर्सेंट वोटिंग में सुधार हुआ है. दोनों बार 99 प्रतिशत वोट पड़े थे. उत्तर कोरिया ने पूरी दुनिया में वोटिंग पर्सेंट का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वो भी .01 पर्सेंट से.

किम जोंग उन के साथ खड़े हर अधिकारी के हाथ में हर वक़्त डायरी और पेन रहता है, कोम को पसंद है कि लोग उनके आदेश लिखते जाएं. कहा जाता है कि अधिकारियों से जब वो अपने आदेश दोहराने को कहते हैं तो शब्दशः उनके आदेश दोहराए जाने चाहिए. वरना इसकी सज़ा मौत भी हो सकती है
# इत्ती वोटिंग कैसे
उत्तर कोरिया मतलब किम जोंग उन. उन के देश में उन की तानाशाही है. कहने के लिए चुनाव कराए जाते हैं. उन का हुक्म है कि वोट सबको डालना होगा. जिस देश में अपने मन की हेयर स्टाइल तक ना रख सकते हों, वहां अपना मन क्या होता है. इसलिए लोग वोट डालते हैं. सब काम छोड़कर वोट डालते हैं. उस दिन का यही काम होता है.

उत्तर कोरिया की मीडिया ने लोगों से बढ़-चढ़कर वोट डालने के लिए कहा था
# किम भी वोट डालते हैं
हर बार ख़ुद किम जोंग उन भी वोट डालते हैं. इस बार भी किम जोंग ने वोट डाला. साउथ हैम्योंग के बूथ नंबर 201 पर किम ने वोट डाला. किम जों उन वर्कर पार्टी के हेड हैं. आर्म्ड फोर्सेज़ के सुप्रीम हेड हैं. वैसे कहने को उत्तर कोरिया को किम जोंग उन 'डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया' कहते हैं. कहने सुनने में अच्छा लगता होगा.
वोट किसको डालने थे? किसी और को नहीं किम को ही. बैलेट पेपर में सिर्फ़ 'हां' या 'ना' का ऑप्शन था.

एक बूथ पर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार करते लोग
# 100% वोट क्यों नहीं
एक कॉलेज में पेपर सेट करने वाले प्रफेसर के बेटे को हर बार 99 पर्सेंट वोट आते थे. लोग कहते थे कि जब पेपर घर में ही मिल जाता है तो बाक़ी का 1 पर्सेंट क्यों नहीं मिलता. क्योंकि शक़ हो जाता है. लोग झूठ मानने लगते हैं. इसलिए नक़ल में भी गुंजाइश छोड़ दी जाती है. ऐसे ही उत्तर कोरिया ने .02 पर्सेंट की गुंजाइश छोड़ दी. वैसे उत्तर कोरिया की न्यूज़ एजेंसी NK News
का कहना है कि बाहर के देशों में ख़ासकर महासागर में काम करने वाले लोग वोट नहीं दे पाए. हालांकि इसका मलाल ज़रूर होगा किम जोंग को. क्या पता 100 पर्सेंट वोटिंग का ही रिकॉर्ड बन जाता.
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