सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के काम पर चिंता जताई है. कोर्ट ने यह टिप्पणी मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर की. अब्बास की लखनऊ की एक प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में लिस्ट नहीं हो पा रही थी. बार-बार याचिका को टाला जा रहा था. इसी को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
'पता नहीं आगे क्या होगा...', सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट पर ये टिप्पणी क्यों की?
इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई है. कोर्ट ने कहा कि पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ऐसे कोर्ट हैं जहां के काम के बारे में किसी को कुछ नहीं पता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की.


कानूनी मामलों पर नज़र रखने वाली वेबसाइट लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि कुछ हाई कोर्ट ऐसे हैं जहां के कामकाज के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. पता नहीं उनका क्या होगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट इनमें से एक है. उन्होंने आगे कहा,
“इलाहाबाद हाई कोर्ट में केसों की फाइलिंग बंद हो चुकी है. पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. कोई नहीं जानता की कौन-सा केस कब लिस्ट होगा. पता नहीं आगे क्या होगा. मैं 4 जनवरी को वहां गया था. कुछ संबंधित जजों और रजिस्ट्रार से लंबी बातचीत की. यह सबसे बड़ा हाई कोर्ट है और उसकी हालत ऐसी है.”
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाई कोर्ट के काम पर सवाल खड़ा कर चुका है.
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क्या था पूरा मामला
याचिका में मुख्तार अंसारी के बेटे और सुहेलदेव समाज पार्टी के नेता अब्बास अंसारी ने कहा है कि लखनऊ में उनकी ज़मीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojna) के तहत गरीबों के लिए मकान बनाए जा रहे हैं. इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट से अब्बास की याचिका पर जल्द सुनवाई करने के लिए कहा है. लेकिन कई तारीखें बीत जाने के बावजूद अब तक मामले को लिस्ट नहीं किया गया है.
अन्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट का रुखइलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव दिसंबर के शुरुआत में एक कार्यक्रम शामिल हुए थे. कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद (VHP) का था. विषय था यूनिफॉर्म सिविल कोड. कार्यक्रम में भाषण देते हुए उनकी धार्मिक टिप्पणी काफी वायरल हुई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें तलब भी किया था.
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