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थैंक यू ऑल इंडिया बकचोद, लोगों को सुसाइड से बचाने के लिए

देर रात का फ़ेसबुक पोस्ट कई लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है.

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फोटो - thelallantop
कॉमेडी करने वालों की, मज़ाक करते रहने वालों की, एक बहुत अजीब सी और छिछली इमेज बनी रहती है. इन्हें कोई भी सीरियसली लेने से इनकार कर देता है. लोग इनकी कही बातों को अपने दिमाग में बहुत ही कम रखते हैं. और ये लगभग हर हंसोड़ आदमी के साथ होता है. हंसाने वाली बात हल्के में ली जाती है और ऐसा ही होता आया है. सोमवार को मुंबई में एक फाइव स्टार होटल के 19वें माले से एक 23 साल का लड़का कूद गया. बीकॉम के फाइनल इयर में फ़ेल हो गया था. घर पर रिटायर हो चुका बाप और एक छोटा भाई मौजूद था. उसे नौकरी की चाह थी और पढ़ाई का आलम ऐसा था कि पिंड ही नहीं छूट पा रहा था. वो लड़का बैंगलोर का रहने वाला था जो मुंबई में आकर अपनी पढ़ाई कर रहा था. अर्जुन भारद्वाज. इस खबर को लगभग हर जगह दिखाया गया. इंडिया के कॉमेडी सीन में एक्टिव लोगों ने इसके बारे में खूब बात की. पहले भी ये लोग स्टूडेंट्स में सुसाइड और डिप्रेशन और उनपर बढ़ते बेवजह प्रेशर के बारे में खूब बात की है. इस बार फिर से इस बारे में बात की गई. कॉमेडियन के साथ अच्छी बात ये है कि वो बिना लाग लपेट के बातें करते हैं. उनकी ज़ुबान या उंगलियों पर किसी ग्रुप की लगाम नहीं होती. ऑल इंडिया बकचोद के सरगना तन्मय भट्ट ने एक स्नैपचैट वीडियो बनाये. इसमें उसने कुछ बड़े पॉइंट्स रखे. उसने कई कड़ी बातें भी बोलीं और कोशिश की कि लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा हकीक़त से मिलवाया जाए. तन्मय ने जो पॉइंट्स बताये उसमें से कुछ ऐसे थे: प्रॉब्लम खतम नहीं होतीं. प्रॉब्लम कॉम्प्लीकेट होती जाती हैं. एक के बाद एक नई प्रॉब्लम आती रहेगी. ज़रूरी है कि एक प्रॉब्लम को सॉल्व करिए, उससे सीखिए और इस सीख को अगली प्रॉब्लम सॉल्व करते वक़्त इस्तेमाल करिए. ज़िन्दगी अपने आप में खुद एक बहुत बड़ी मुसीबत है. प्रॉब्लम से दोस्ती बना लो. अपनी प्रॉब्लम को दोस्तों से शेयर कीजिये. https://www.youtube.com/watch?v=SeU9QYpPNrU

बिस्वा कल्यान रथ ने भी एक बात कही. और बात बहुत मारक कही. बिस्वा ने अपनी ही बात से बात को शुरू किया और बताया कि उसका CGPA 6.83. कई सब्जेक्ट्स में फ़ेल होने से बचे. न कहीं नौकरी मिली, न कुछ. जबकि वो खुद IIT से पढ़के आए थे और वहां 100% प्लेसमेंट होता है. इसके बाद उसने अपने आगे के सफ़र के बारे में बताया और ये समझाने की कोशिश की कि क्यूं छोटे-मोटे फेलियर से परेशान नहीं होना चाहिए.

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इसके बाद जो बात सबसे चौकस हुई वो हुई देर रात. ऑल इंडिया बकचोद के फ़ेसबुक पेज पर. देर रात सवा एक बजे एक पोस्ट आया. लिखा हुआ था, "आप जो भी हैं, हमें मालूम है इस वक़्त चीज़ें बहुत खराब हैं. लेकिन कमेन्ट सेक्शन में बहुत से ऐसे लोग हैं जो आपको सुनने के लिए बैठे हुए हैं. और वो आपको गले लगाना चाहते हैं. कसके, देर तक, एकदम दिल से आपको गले लगाना चाहते हैं."

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इस पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी परेशानियां शेयर कीं. लोगों ने उन्हें समझाया कि सब कुछ ठीक हो जायेगा. वो परेशान न हों. वो हार न मानें. कैसे भी ये न सोचें कि अब सब कुछ खतम हो जायेगा. कुछ नमूने:

1. "मेरे जीवन का जो प्यार है, उसकी किसी और से शादी होने वाली है. और मैं सिर्फ ऐसा होते हुए देख सकता हूं. उसने मुझे ब्लॉक भी कर दिया है. अजीब लगता है जब कोई इतनी जल्दी आगे बढ़ जाता है जब पीछे कुछ हुआ ही न हो."

2. "मैं इस वक़्त बहुत हिला हुआ हूं. एकदम ऐसी स्थिति में हूं जहां मैं अपने ज़िन्दगी खतम करना चाहता हूं. मैं सोशली परेशान हूं, इनसेक्योर हूं. और मैं खुद को दूसरों के सामने एक्सप्रेस नहीं कर पा रहा हूं. मेरे घरवाले ही अकेली वो वजह हैं जिसकी वजह से मैं सब कुछ झेलते हुए अपनी ज़िन्दगी को खींच रहा हूं. मैंने ये सब यहां क्यूं लिखा, मुझे नहीं मालूम. मैं शायद खुद को हल्का करना चाहता था."

3. "मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और नई नौकरी ढूंढने लगा. 2 महीने हो गए और कोई नौकरी नहीं मिली है. 26 साल का हूं और घरवालों से पैसे मांगने पड़ रहे हैं. हाल ही में ब्रेक-अप हुआ है और ये सब बहुत बुरा है. सब कुछ."

4. "मेरे बोर्ड्स के इग्ज़ाम बहुत बेकार हुए हैं और मैं टूट चुका हूं. मैंने सिर्फ यूट्यूब पर थेरपी वीडियो देख रहा हूं इस आस में कि कम से कम कोई तो होगा जो मुझे समझेगा और बताएगा कि सब कुछ ठीक हो जायेगा."

5. "में मुंबई का हूं और केरल में 2 साल से काम कर रहा हूं. मेरे फैमिली में बस मेरे पापा हैं और वो 2000 किलोमीटर दूर हैं. कभी कभी मैं सोचता हूं कि क्या ये पैसे इस पूरे दर्द के लायक हैं?"

ये सिर्फ़ वो पांच कमेंट्स हैं जो यहां हम लिख रहे हैं. इसके अलावा न जाने कितने ही लोग उस पोस्ट पर कमेन्ट करके अपनी तकलीफ़ें शेयर कर रहे थे. लोग इन्हें रिप्लाई करते हुए समझाने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें बता रहे थे कि सब कुछ ठीक हो जायेगा.

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डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए या बहुत परेशान हो चुके लोगों के लिए ये बहुत ज़रूरी है कि वो अपनी बातें लोगों से शेयर करें. उनके दिमाग में उनके विचार कैद रहते हैं और बम बन जाते हैं. बातें जब नहीं कही जाती हैं तो बढ़ती जाती हैं. यही हाल शायद उस लड़के का रह होगा जो ूमुंबई की बिल्डिंग से कूद गया. कितना आसान लगा होगा उसे बिल्डिंग से कूदना, जिसके बारे में हम और आप सोच भी नहीं सकते हैं. उसके लिए बिल्डिंग से नीचे कूदने से ज़्यादा कठिन रहा होगा अपनी मुसीबत किसी से शेयर करना. और शायद ऐसा किसी और के साथ न हो, इसलिए ऑल इंडिया बकचोद का ये पेज कारगर साबित होगा. गले लगाने से बहुत कुछ ठीक होता है. भले ही वो 'वर्चुअल हग' हो. इस बात के लिए AIB को थैंक यू कहना तो बनता है.


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