The Lallantop

जेल से छूटा कनिष्क विमान हादसे का इकलौता दोषी

कनाडा के सबसे बड़े हत्याकांड, सबसे लंबे मुकदमे और सबसे महंगी जांच के बाद, छूटा 329 लोगों की हत्या में शामिल रेयात.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
23 जून 1985 को कनाडा से भारत आ रहे एयर इंडिया के कनिष्क विमान में बम ब्लास्ट हुआ था. उस ब्लास्ट का इकलौता दोषी इंद्रजीत सिंह रेयात कनाडा की जेल से छूट गया है. प्लेन में ब्लास्ट तब हुआ जब वो कनाडा से भारत आने के लिए हीथ्रो एयरपोर्ट को उड़ा था. ब्लास्ट के बाद प्लेन अटलांटिक महासागर में गिर गया था और सारे यात्री मारे गए थे. ब्लास्ट के पीछे बब्बर खालसा ग्रुप था और कनाडा का एक ग्रुप भी उनसे मिला हुआ था. प्लेन में ब्लास्ट के 55 मिनट बाद टोक्यो में नारिटा हवाई अड्डे पर भी एक बम ब्लास्ट हुआ था. जहां एयर इंडिया के दूसरे प्लेन को उड़ाने के लिए सामान में बम रख चेक इन कराया गया था. उस ब्लास्ट में एयरपोर्ट के सामान उठाने वाले दो कर्मचारी मारे गए थे. रेयात ने बम ब्लास्ट के लिए डेटोनेटर,डायनामाइट और बैटरीज खरीदीं थी. उसे दस साल की सजा हुई थी. रेयात को अदालत में झूठी गवाही देने के लिए भी नौ साल की जेल हुई थी. कनाडा में ऐसे किसी केस में मिली ये सबसे बड़ी सजा थी. बड़ा तो कनिष्क विमान हादसा भी माना जाता है. 329 लोगों की मौत मॉडर्न कनाडा की हिस्ट्री में सबसे बड़ा नरसंहार था. 20 साल इसकी जांच चली और 130 मिलियन डॉलर के लगभग पैसे खर्च हुए. ये कनाडा में किसी केस की सबसे महंगी जांच थी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement