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महाराष्ट्र संकट: बागी MLA ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना, उद्धव से नाराजगी की वजह बताई

महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचाने वाले एकनाथ शिंदे ने अब अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. खबर है कि उनके खेमे ने कल एक रेज़ॉल्यूशन पास किया था जिसमें 34 विधायकों के दस्तखत हैं.

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बाएं से दाहिने. एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे. (फोटो- आजतक)

महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचाने वाले एकनाथ शिंदे ने अब अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. खबर है कि उनके खेमे ने कल एक रेज़ॉल्यूशन पास किया था जिसमें 34 विधायकों के दस्तखत हैं. इस रेज़ॉल्यूशन में पहले तो एकनाथ शिंद को विधायक दल का नेता चुना गया. उसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार से बगावत की वजह बताई गई. मोटामाटी बगावत की वजह शिवसेना का NCP और कांग्रेस के साथ गठबंधन बताया गया है.

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रेज़ॉल्यूशन में क्या लिखा था?

शिंदे खेमे ने पार्टी से बगावत के लिए कई चीज़ों को एक सिरे से गिनाया. राज्यपाल को भेजी गई इस चिट्ठी में लिखा गया-

# चुनाव से पहले शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन था. लेकिन चुनाव बाद बीजेपी का साथ छोड़ सरकार बनाने के लिए NCP और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया. इससे शिवसेना के कार्यकर्ताओं को धक्का लगा. उनका और महाराष्ट्र की जनता का मनोबल गिरा.

# सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी के अंदर असंतोष पनप रहा था. तब के गृहमंत्री अनिल देशमुख, जो अभी जेल में हैं, उन पर सरकारी काम में भ्रष्टाचार, पोस्टिंग में धांधली के आरोप लगे. मौजूदा अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक जो फिलहाल जेल में हैं, उनके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से साथ गठजोड़ की बात सामने आई.

# शिवसेना की विचारधारा कांग्रेस और NCP से मेल नहीं खाती. पिछले ढाई सालों में शिवसेना के नेताओं ने सिर्फ सत्ता के लिए अपने उसूलों से समझौता किया. हमारी पार्टी की विचारधारा बालासाहेब की विचारधारा थी जिसमें महाराष्ट्र को साफ सुधरी सरकार देनी थी और हिंदुत्व के उसूलों से कोई समझौता नहीं करना था. लेकिन कांग्रेस और NCP से गठबंधन होते ही पहले दिन से विचारधारा से समझौता कर लिया गया.

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राज्यपाल को दी गई इस चिट्ठी में शिवसेना से बगावत के ये कारण बताए गए. इसके अलावा विधायकों ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना. बता दें कि कल शिवसेना की तरफ से शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया था. उनकी जगह अजय चौधरी को इस पद पर बिठा दिया गया था. लेकिन शिंदे समर्थित विधायकों ने इस फैसले को पलट दिया. इसके अलावा इस रेज़ॉल्यूशन में सुनील प्रभु को हटा कर भरत गोगवाले को चीफ व्हिप बना दिया गया है.

चिट्ठी में शिंदे के समर्थन वाले 34 विधायकों के साइन हैं. और इस रेज़ॉल्यूशन को कल, 21 जून को पास किया गया था. एकनाथ शिंदे ने आज सुबह ही दावा किया था कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन हैं.

हालांकि, इस बीच महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर एकनाथ शिंदे का विरोध देखा गया. नांदेड़ में उद्धव ठाकरे के समर्थन में कुछ जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें लिखा है-  'साहब, हम आपके साथ हैं'. इस पोस्टर में उद्धव ठाकरे की बड़ी तस्वीर के साथ साथ बाला साहेब ठाकरे और आदित्य ठाकरे की भी तस्वीरें हैं.

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इधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कोरोना की RTPCR रिपोर्ट निगेटिव आई है. बुधवार को ही उनकी एंटीजेन टेस्ट रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी. सुबह कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा था कि वो उद्धव से इसलिए नहीं मिल सके क्योंकि सीएम कोरोना संक्रमित हैं. शाम होते होते सीएम के कोरोना नेगेटिव होने की बात सामने आई.

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