The Lallantop

इटली में नस्लभेद के शिकार हुए 3 IIT स्टूडेंट्स

इन भारतीय स्टूडेंट्स के पास सारे कागजात सही थे. पासपोर्ट दिखाने के बावजूद सिक्योरिटी ने 10 घंटे तक पूछताछ की.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
IIT के तीन स्टूडेंट्स को बीते सोमवार इटली में धर लिया गया. ये स्टूडेंट वेंतिमिग्लिया स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके पास अपनी पहचान के सभी कागज़ थे. फिर भी सिक्योरिटी वाले पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर इन्हें स्टेशन से 1100 किलोमीटर दूर ले गए. इनके साथ वो लोग भी थे जिनके पास अपने पासपोर्ट नहीं थे. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक उदय IIT मुंबई और अक्षित और दीपक IIT दिल्ली के स्टूडेंट हैं. कंप्यूटर साइंस ब्रांच के हैं. तीनों इटली में इंटर्नशिप के लिए गए हुए हैं. वीकेंड बिताने जेनोआ गए थे. वेंतिमिग्लिया स्टेशन पर ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे. सिक्योरिटी गार्ड को अंग्रेजी बोलनी नहीं आती थी. इसलिए उसकी बात समझने में बाहरी लोगों को तकलीफ हो रही थी. तीनों लड़के अपना पासपोर्ट निकाल ही रहे थे कि उन्हें धर लिया गया. लड़कों का कहना है कि ये साफ़-साफ़ नस्लभेद का मामला है. तीनों लड़कों के साथ कई अफ़्रीकी और पाकिस्तानी लोग भी थे. इन सबको स्टेशन से 1100 किलोमीटर दूर फ्लाइट से बारी ले जाया गया. जिसका इन्हें कोई कारण भी नहीं बताया गया. वहां उन्हें घर वालों और दोस्तों से सिर्फ एक बार बात करने का मौका दिया गया. 10 घंटे तक बिना किसी फ़ोन सुविधा के साथ रखे जाने के बाद पुलिस से उन्हें बताया कि उनके पासपोर्ट की जांच का काम शुरू हो रहा है. जब भारत की एम्बेसी के एक सदस्य ने आकर बात की, तब स्टूडेंट्स को छोड़ा गया. फिलहाल स्टूडेंट्स को रोम भेज दिया गया है. और हर वक़्त अपने साथ पासपोर्ट रखने के निर्देश दिए गए हैं. स्टूडेंट्स ने तय किया है कि बेवक्त और बेवजह हुई इस असुविधा शिकायत करेंगे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement