अपनी किडनी बेच कर शुरू किया किडनी का धंधा
एक साल पहले अपनी किडनी बेची 5 लाख रुपए में. पता चला अच्छा स्कोप है इस लाइन में. बस कूद गया

तेलंगाना के नलगोंडा जिले में पुलिस ने पकड़ा है 22 साल का लौंडा. नाम है कस्पाराजू सुरेश. मैनेजमेट का स्टूडेंट है. स्टूडेंट कहने को है, खड़े खड़े आदमी को बेच ले. वही इसका धंधा है. आदमी तो नहीं आदमी की किडनी बेचता है. इस नेक काम की शुरूआत खुद की किडनी बेच कर की. दिसंबर 2014 में अपनी किडनी बेची थी. पूरे पांच लाख रुपए में. कोलंबो में सप्लाई होकर किसी बड़े आदमी को लग गई थी वो किडनी. तब इसके ज्ञानचक्षु खुल गए कि ये तो भाई धंधा चोखा है. बस उतर गए किडनी सेलिंग के धंधे में. इसको खरीदने वाला कस्टमर हर किडनी के 27 लाख रुपए देता है. जिसका आधा हॉस्पिटल रख लेता है. बाकी में लाने ले जाने का खर्चा होता था. किडनी बेचने वाले को 5 लाख मिलते थे. उसे फंसा कर लाने वाले एजेंट को 50 हजार. इस तरह ये किडनी रैकेट चल रहा था. अब तक 20 से ज्यादा लोगों की किडनी बेच चुका है. कोलंबो के हॉस्पिटल पर शक है कि वो इस रैकेट में शामिल था. पकड़े जाने से पहले सुरेश ने काफी पैसा जमा कर लिया है.