आज डॉक्टर्स डे है. हमारी फिल्मों के डॉक्टर्स पर बात होनी चाहिए. वो डॉक्टर्स जो नाड़ी देखकर गर्भ का हाल बता देते हैं. एक सीन दोहराया जाता है. ऑपरेशन थियेटर के बाहर बत्ती बुझेगी, डॉक्टर निकलेगा, मास्क उतारेगा. सॉरी कहेगा. लोग बिलखने लगेंगे. हमारी फिल्मों के डॉक्टर्स और उनके डायलॉग्स सदियों से वहीं के वहीं रह गए हैं. जहां से वो शुरू हुए थे. जो रट चुके हैं. उन पर ध्यान दीजिए.